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गौ तस्कर अकबर बंजारा दो भाइयों समेत मेरठ से गिरफ्तार, बांग्लादेश तक फैला है नेटवर्क

मेरठ,नवसत्ता: उत्तर प्रदेश के मेरठ का एक मामूली डाईवर गौ तस्करी करते-करते न सिर्फ एक हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया बल्कि नॉर्थ ईस्ट में उसने तस्करी और गौवंश मीट का एक ऐसा सिंडिकेट भी बना डाला जिसका मायाजाल बांग्लादेश तक फैला है. उसके गैंग में 150 से ज्यादा सदस्य हैं. उसके इरादों के आगे नॉर्थ ईस्ट के बड़े-बड़े माफियाओं को घुटने टेकने पड़े. असम पुलिस ने उसपर दो लाख रूपये का इनाम भी घोषित किया.

150 तस्करों का गिरोह बनाया था

यूपी में उसे कोई नहीं जानता लेकिन उसे नॉर्थ ईस्ट का डॉन कहा जाता है. आंध्र प्रदेश और असम में ही नहीं, बल्कि नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में उसके एक इशारे पर कुछ भी हो जाता है. कभी वो गुनामी की जिंदगी जी रहा था लेकिन आज उसे लोग गौ तस्करी का बेताज बादशाह कहते हैं. उसका नाम अकबर बंजारा है. मेरठ के फलावदा कस्बे का रहने वाला अकबर बंजारा कभी ड्राइवर हुआ करता था. वह गौ तस्कर बनने की हसरत लेकर असम चला गया और 150 तस्करों का गिरोह बना लिया.

ड्राइवर से बना डॉन

मेरठ के फलावदा कस्बे का रहने वाला अकबर बंजारा कभी ड्राइवर हुआ करता था. वह गौ तस्कर बनने की हसरत लेकर असम चला गया और 150 तस्करों का गिरोह बना लिया. वह यूपी के मेरठ जिले के फलावदा कस्बे में पला बढ़ा और यहां की तंगहाल गलियों में जिंदगी बिताने के बाद ट्रक डाइवर से अब डॉन बन गया है. उसने कभी फलावदा नगर पंचायत के सभासद का चुनाव जीता था. साल 2015 तक अकबर बंजारा को कोई नहीं जानता था. उसने बडा नेटवर्क खड़ा करने के लिए कई सफेदपोशों से हाथ मिलाया जिनमें नार्थ इस्ट का रवि रेउडी भी शामिल है.

छोटा सा काम शुरू किया

अकबर बंजारा को ये बात समझ आ गई थी कि गौ तस्करी के धंधे में रिस्क तो है लेकिन यदि उसकी गाड़ी चल निकली तो दुनिया उसे जानेगी. उसने असम में गौ तस्करी का छोटा सा काम करना शुरू किया फिर धीरे-धीरे उसके नाम की चर्चा होने लगी. तभी आंध्र प्रदेश से विदेशों तक गौ तस्करी का नेटवर्क चलाने वाले रवि रेड्डी को भी अकबर बंजारा का नाम सुनने में आया. बताया जाता है असम के एक और बड़े माफिया ने दोनों को एक दूसरे से मिलवा दिया. इसके बाद अकबर बंजारा के हाथ और मजबूत हो गए.

असम पुलिस ने दो लाख रूपये का इनाम घोषित किया

मेघालय, मिजोरम, असम सहित आसपास के क्षेत्रों में अकबर बंजारा की तूती बोलने लगी. मेघालय के रास्ते उसने बांग्लादेश तक गौ तस्करी शुरू कर दी. धीरे-धीरे वो करोड़ों और फिर अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया. उसने कई सफेदपोशों से नजदीकी बढ़ा दी और उसकी धाक जम गई. इसी दौरान उस पर ईनाम घोषित कर दिया गया जो बढते-बढ़ते दो लाख तक पहुंच गया लेकिन वो कभी असम पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया.

कैसे गिरफ्तार हुआ

नॉर्थ ईस्ट के सबसे बड़े किंग अकबर बंजारा को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी था. असम पुलिस ने नॉर्थ इस्ट के कई राज्यों में अकबर की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी लेकिन हर बार वो चकमा देकर भाग निकला. असम पुलिस कई बार मेरठ और फलावदा भी आई लेकिन हर बार मुखबिरी हो गई और बंजारा भाग निकला. फलावदा पुलिस ने अपना जाल बिछाया. मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया तो अकबर बंजारा के गिरोह का एक सदस्य पुलिस से मिल गया और उसी ने बताया कि अकबर बंजारा आज मेरठ आ रहा है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने अकबर बंजारा के भाई सलमान और शमीम को भी गिरफ्तार किया है.

बेहिसाब संपत्ति है

उसने मेरठ के फलावदा कस्बे के आसपास ही करोड़ों रूपये की बेशकीमी प्रॉपर्टी खरीदी. जिस भी प्रॉपर्टी पर अकबर बंजारा की नजर गई और उसका दिल आ गया उसे मुंह मांगी कीमत देकर खरीद लिया गया. जिस अकबर बंजारा के पास रहने के लिए एक छोटा सा मकान था आज उसके पास इतनी कोठी और मकान हैं कि उसे शायद खुद भी नही पता है. पुलिस उसे असम ले गई है.

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