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डॉ. बी.आर अंबेडकर के नाम पर होगा ‘स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’

नई दिल्ली,नवसत्ता: बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आज दिल्ली सरकार ने डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत की है. इसका उद्घाटन खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की. इसके तहत अब दिल्ली के 30 सबसे शानदार स्कूलों का नाम बदलकर डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस कर दिया गया है. आज से ये स्कूल इसी नाम से जाने जाएंगे.

केजरीवाल ने स्कूल बोर्ड का किया अनावरण

इस मौके पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा- बाबा साहेब अम्बेडकर को श्रद्धांजलि के रूप में दिल्ली के 30 स्कूलों का नाम बदलकर डॉ. बी आर अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस रखा गया है. आजादी के बाद हमारे देश में 2 तरह की शिक्षा प्रणाली शुरू हुई-

  • पैसे वालों के लिए प्राइवेट स्कूल
  • गरीबों के लिए सरकारी स्कूल
बड़े लोगों के बच्चे पढ़ रहे सरकारी स्कूलों में

सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमने सरकारी स्कूलों को इतना अच्छा बना दिया कि आज पैसे वालों के बच्चे भी सरकारी स्कूल में पढऩे लगे हैं. आज कई विधायक, कई वकीलों के बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं. इस वर्ष 3,75,000 बच्चों का नाम निजी स्कूल से कटवाकर सरकारी स्कूल में दाखिला कराया गया है. मुझे खुशी है कि बाबा साहब अंबेडकर का सपना पूरा हो रहा है.

बाबा साहब अंबेडकर का सपना पूरा हो रहा है

सीएम केजरीवाल ने बताया- डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का सपना था कि भारत की आज़ादी के बाद देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए लेकिन आज़ादी के बाद 75 साल में देश में दो शिक्षा प्रणाली शुरू हुई. एक शिक्षा प्रणाली पैसे वालों के लिए और दूसरी शिक्षा प्रणाली गऱीबों के लिए थी. आज कई विधायक, कई वकीलों के बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं. इस वर्ष 3,75,000 बच्चों का नाम निजी स्कूल से कटवाकर सरकारी स्कूल में दाख़िला कराया गया है. मुझे खुशी है कि बाबा साहब अंबेडकर का सपना पूरा हो रहा है.

स्कूलों का हर पैमाना बाबा साहब के विजन पर आधारित है

वहीं डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मौके पर कहा कि आज से 30 सरकारी स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूलों को बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के नाम से जाना जाएगा. इन स्कूलों का हर पैमाना बाबा साहब के विजन पर आधारित है. जब भी इन स्कूलों का रिव्यू होता है तो हम उनके विजन को पूरा करने की ही कोशिश करते हैं अगर वो उस पैमाने पर खरा नहीं उतरता तो हम उसके लिए और काम करते हैं.

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