नई दिल्ली,नवसत्ता: लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई. अब सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को जारी रखा जाए या फिर उसकी जमानत को रद्द किया जाए. इससे पहले आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.
आशीष मिश्रा के भागने का खतरा नहीं
यूपी सरकार तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि यह जघन्य अपराध है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके भागने का खतरा नहीं है. दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
एडवोकेट सीएस पांडा और शिव त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट से आशीष मिश्रा की जमानत याचिका की अर्जी खारिज करने की मांग की. यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हमें इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट मिली है और हमने इसे राज्य सरकार को भेज दिया है. इसपर चीफ जस्टिस एन वी रमन ने कहा कि आपने ये नहीं बताया कि चिट्ठी कब लिखी गई थी. ये ऐसा मामला नहीं है कि आप इतना इंतजार करें.
सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त कमेटी ने रिपोर्ट में क्या कहा
मामले में सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त कमेटी ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि एसआईटी ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को दो बार सिफारिश भेजी थी. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सबूतों से पुष्टि होती है कि आशीष मिश्रा मौके पर था, उसे घटना के दिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मार्ग में बदलाव के बारे में भी जानकारी थी.
क्या था मामला
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी की तिकुनिया क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को कथित रूप से किसान विरोधी बिल का विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. इसमें तकरीबन 5 लोगों की मौत हो गई थी. कई अन्य घायल हो गए. इस हिंसा में भाजपा के दो नेता और एक वाहन चालक की भी मौत हो गई थी. मामले में मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 फरवरी को जमानत दे दी थी.