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श्रीलंका: राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रस्ताव पर वित्त-विदेश समेत चार नए मंत्रियों ने ली शपथ

सभी कैबिनेट मंत्रियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

नई दिल्ली,नवसत्ता: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के सभी कैबिनेट मंत्रियों ने रविवार देर रात तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों को देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद करने के लिए मंत्री पद स्वीकार करने के लिए कहा. उन्होंने विपक्ष को सरकार में शामिल होने का आमंत्रण दिया.

वहीं मंत्रिमंडल के सामूहिक इस्तीफे के बाद चार नए मंत्रियों ने सोमवार को शपथ ली है. इसमें वित्त मंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक शामिल हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सामने अली साबरी ने वित्त मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. उन्होंने बेसिल राजपक्षे की जगह मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. वहीं जीएल पेइरिस नए विदेश मंत्री होंगे. दिनेश गुणवर्धने को शिक्षा मंत्री बनाया गया है तो जॉनसन फर्नांडो राजमार्ग मंत्रालय संभालेंगे.

इससे पहले सभी 26 मंत्रियों के इस्तीफे को विपक्ष के नेता सजित प्रेमदासा ने नौटंकी करार दिया है. उन्होंने कहा, ‘यह एक नाटक है जो हमारे देश के लोगों को ठगने के लिए किया जा रहा है. यह देश के लोगों को किसी प्रकार की राहत देने की दिशा में ईमानदार प्रयास नहीं है. यह लोगों को बेवकूफ बनाने की एक कवायद है.’

वहीं शिक्षा मंत्री एवं सदन के नेता दिनेश गुणवर्धने ने संवाददाताओं से कहा कि कैबिनेट मंत्रियों ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया किंतु सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया. उन्होंने कहा कि राजपक्षे अपने छोटे भाई एवं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ बैठक करेंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमने देश के हालात के बारे में विस्तार से चर्चा की. ईंधन और बिजली संकट का समाधान निकलेंगे.’

बता दें कि लोगों में देश की आर्थिक स्थिति को संभाल नहीं पाने को लेकर सरकार के प्रति बहुत आक्रोश है. देश में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया था, इसके बावजूद रविवार शाम को व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बहरहाल, राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से सरकार द्वारा कथित रूप से ‘गलत तरीके से निपटे जाने’ को लेकर मंत्रियों पर जनता का भारी दबाव था.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी. सरकार ने शनिवार शाम छह बजे से सोमवार (चार अप्रैल) सुबह छह बजे तक 36 घंटे का कर्फ्यू भी लगा दिया था.

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