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अब नवाब मलिक के बेटे पर भी शिकंजा, फराज को ईडी ने भेजा समन

मुंबई,नवसत्ता: महाराष्ट्र की महाआघाड़ी सरकार के मंत्री एवं एनसीपी नेता नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किये जाने के बाद अब नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक को पूछताछ के लिए समन भेजा है. ईडी अंडरवल्र्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही है. इसी मामले में नवाब मलिक को भी गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल नवाब मलिक आठ मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं.

नवाब मलिक पहुंचे हाईकोर्ट

मिली जानकारी के मुताबिक फराज को समन सोमवार को भी भेजा गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए. बता दें कि इससे पहले ईडी ने इसी तरह एनसीपी नेता नवाब मलिक से पूछताछ की फिर उन्हें दफ्तर ले गए और वहीं 8 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. उधर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने मामले को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

करोड़ों की जमीन कौड़ियों की खरीद मामले में हुई गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में बताया था कि, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपये का प्लाट कुछ लाख रुपये में एक कंपनी के जरिये हड़पा था. इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है.

दाउद इब्राहिम की बहन के सहयोग से चल रही कम्पनी

ईडी ने आरोप लगाया कि मलिक यह कंपनी भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और डी गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से चलाते रहे हैं. इस संबंध में मुनिरा प्लंबर ने ईडी को दिए बयान में बताया कि कुर्ला में गोवाला कंपाउंड में उनका 3 एकड़ का प्लॉट था. इस जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने और विवादों को निपटाने के लिए सलीम पटेल ने उससे पांच लाख रुपये लिए थे, लेकिन उसने यह जमीन थर्ड पार्टी को बेच दी जबकि सलीम को कभी प्रापर्टी को बेचने के लिए नहीं कहा था. यही नहीं, 18 जुलाई 2003 को जमीन के मालिकाना हक ट्रांसफर करने से संबंधित कागज पर ही हस्ताक्षर नहीं किया था. उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि सलीम पटेल ने यह जमीन किसी दूसरे को बेच दी है.

वहीं, इस जमीन से जुड़े कागजातों को खंगालने के बाद ईडी को पता चला कि इसके पीछे सरदार शाहवली खान है जो 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है. वह डाटा और मकोका के तहत औरंगाबाद की जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है. शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि सलीम पटेल भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का करीबी था. हसीना के निर्देश पर ही सलीम ने मुनिरा की जमीन के बारे में सभी फैसले लिए थे.

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