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ताजमहल में शाहजहां का 367वां उर्स: संगदल की हुयी रस्म अदायगी

आगरा,नवसत्ता: मोहब्बत की निशानी ताजमहल को बनवाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां के 367वें सालाना उर्स पर उनकी असली कब्रगाह को खोला गया. तीन दिवसीय उर्स के दूसरे दिन संगदल की रस्म अदा की गई. इस रस्म में असल कब्रों को चंदन और केवड़े व इत्र के साथ लेप किया गया. फातिहा पढ़कर अमन चैन की दुआ मांगी गई. मंगलवार को ताजमहल पर लंगर और चादरपोशी की जाएगी.

पर्यटकों को दिया जा रहा है नि:शुल्क प्रवेश

बता दें कि दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल में शाहजहां का 367वां उर्स मनाया जा रहा है. इस अवसर पर ताजमहल में पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है. पहले दिन तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों के दरवाजे को खोला गया.

बता दें कि साल में उर्स के दौरान ही इन कब्रों के दरवाजे पर्यटकों के लिए खोले जाते हैं. रविवार को करीब 60 हजार के करीब अकीदतमंदों ने ताजमहल का फ्री में दीदार किया था.

भीड़ के आगे धरी रह गईं सारी तैयारियां

पर्यटकों की आमद से रविवार को ताजमहल का जर्रा-जर्रा खिल उठा था. 23 माह बाद 40 हजार से अधिक सैलानी ताजमहल पहुंचे तो मुख्य गुंबद तक जाने वाले रास्ते पर पैर रखने को जगह नहीं बची. पर्यटकों की उमड़ी भीड़ से व्यवस्थाएं तार-तार हो गईं. पार्क में पौधे टूट गए.

सैलानियों को मुख्य गुंबद तक पहुंचने में दो घंटे लग गए. मार्च 2020 में कोरोना आने के बाद ताजमहल पर टूरिस्टों का आना बंद हो गया था. मुख्य मकबरे पर भी लंबी कतारें लगी रहीं थीं. अव्यवस्थाओं के कारण कई बार दोनों गेटों पर पर्यटकों में धक्कामुक्की भी हुई. भीड़ को काबू करने में एएसआई, पर्यटन पुलिस और सीआईएसएफ को पसीने छूट गए.

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