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कांग्रेस ने कहा देशहित का लक्ष्य सर्वोपरि

लखनऊ, नवसत्ता: उत्तर प्रदेश का राजनीतिक वातावरण जाति, धर्म, समुदाय व क्षेत्रवाद जैसे संकीर्ण मुद्दों से प्रभावित है, और ऐसे में समाज या देश के व्यापक हित के बारे में अधिकतर राजनीतिक दल यही सोचते, क्योंकि चुनावी जीत ही महत्वपूर्ण लगती है।
दशकों तक प्रदेश में सत्ता से बाहर रहने के बावजूद पार्टी की नीतियों और विचारों से सहमत रहने वाले लोग कहीं न कहीं आशावान थे कि पार्टी एक बार फिर अपने सम्मानजनक स्थान पर वापस आएगी, लेकिन कई कारणों से ऐसा हो न पाया। “आज लोग ऐसा सोचते हैं कि इस परिस्थिति में काँग्रेस ही एकमात्र दल है जिसके लिए देश हित सर्वोपरि है,” काँग्रेस प्रवक्ता ने एक बातचीत के दौरान कहा।

पिछले दो वर्षों से, उत्तर प्रदेश के राजनीतिक व सामाजिक विमर्श मे काँग्रेस ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। न केवल पार्टी चर्चा में हैं, बल्कि पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों की अन्य दल भी प्रमुखता से नकल कर रहे हैं। ऐसा संभव हुआ है पार्टी की महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता की वजह से। प्रियंका द्वारा जिस गंभीरता से समाज के कमजोर वर्गों, छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के मुद्दे उठाए जा रहे हैं, वह अपने आप मे अभूतपूर्व है।
कुछ समय पहले किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी मे हुई घटना के बाद पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने जाने वालों मे प्रियंका सबसे पहली राजनीतिक नेता थीं। इसके अतिरिक्त, किसानों, मजदूरों और व्यापारियों के हित के मुद्दे भी प्रियंका द्वारा लगातार उठाए जा रहे हैं, जिससे उन पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। प्रियंका के नेतृत्व ने प्रदेश मे काँग्रेस की सक्रिय और जुझारू टीम किसी भी घटना के बाद लोगों से तुरंत मिलने और उनकी समस्याओं को प्रमुखता से उठाने और उनके निस्तारण करने के लिए मुस्तैद है।

उनका दिया गया नारा ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ प्रदेश में लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाने में उनका अभियान काफी सार्थक सिद्ध हुआ है और पार्टी इसे भाजपा की धर्म तथा जाति आधारित राजनीति के जवाब में देख रही है। “महिलाएं जाग गई हैं, इस देश की शक्ति के आगे प्रधान मंत्री भी झुक गए हैं। यह उत्तर प्रदेश की महिलाओं की जीत है, जिससे मैं बहुत खुश हूं,” प्रियंका का कहना है।
यही नहीं, प्रदेश के चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का ऐलान महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। काँग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस बार उत्तर प्रदेश की करीब 6 करोड़ महिला आबादी प्रदेश की वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि उत्तर प्रदेश को प्रियंका गांधी वाड्रा के रूप में एक नया नेतृत्व मिल चुका है जो जनता के मुद्दों और प्रदेश के विकास की बात कर रही है। काँग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों पहले प्रतिज्ञा यात्रा निकाली गई थी जिसमे यह घोषणा के गई थी कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को सशक्त बनाया जाएगा। पार्टी ने “हम वचन निभाएंगें” शीर्षक से जो अभियान चलाया है उसके अंतर्गत पहली प्रतिज्ञा यही है कि विधान सभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिया जाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने ही सबसे ज्यादा जनता के मुद्दों पर संघर्ष किया और चाहे कोरोना काल मे लोगों की मदद हो या नौजवानों की बेरोजगारी, पेपर लीक, किसानों पर अत्याचार, और महिलाओं पर बढ़े अपराध, कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर लड़ते हुए जेल गए। यही नहीं, उन्होंने ही कोरोना काल मे 65 लाख लोगों को राशन पहुँचाया और 10 लाख दवाओं की किट बांटकर सहयोग किया।

प्रदेश चुनाव के लिए जारी की गई प्रत्याशियों की दो सूचियों में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो पार्टी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक बाद कदम है। अन्य राजनीतिक दलों के लिए यह एक चुनौती है जिसे पूरा करने का साहस अभी तक किसी ने नहीं दिखाया है। युवाओं के रोजगार, शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए काँग्रेस का घोषणा पत्र भी अपने में एक ऐतिहासिक
इस घोषणा पत्र से प्रदेश के युवाओं में उत्साह का संचार हुआ है और वे आशावान हैं कि पार्टी की सत्ता में आने के बाद उनका भविष्य बेहतर बनेगा।

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