लखनऊ,नवसत्ता: कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा जन सभाओं और सार्वजनिक रैलियों पर लगी रोक को 22 जनवरी तक बढ़ाया है. इस रोक में पद यात्रा, साईकिल यात्रा या रोड शो शामिल हैं, और सभी दल अब डिजिटल माध्यम से प्रचार करने में लग गए हैं.
काँग्रेस पार्टी द्वारा अपने डिजिटल अभियान का नेतृत्व पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कर रही हैं, और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में डिजिटल माध्यमों से अपने संदेश लोगों तक सफलतापूर्वक पहुंचाए हैं. गत 13 जनवरी को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने काँग्रेस के प्रत्याशियों की पहली सूची की चर्चा करते हुए कहा था कि पार्टी अपने प्रत्याशियों में 40 प्रतिशत महिलाओं के नाम सम्मिलित करने के लिए वचनबद्ध है. उसके बाद से उनकी ओर से प्रचार के रूप में कई संदेश दिए गए हैं जिनका खासी चर्चा हो रही है.
एक ताज़ा वीडियो संदेश में “यह वक्त की पुकार है” शीर्षक से एक आवाज उठाई गई है. इस संदेश में कहा गया है कि “नफरतों को छोड़कर, सौहार्द को वोट दो.. अपराधियों को छोड़कर, पीड़ितों को वोट दो.. साहबों को छोड़कर, वंचितों को वोट दो..” और उसके बाद पार्टी के समर्थन की अपील की गई है. लोकतंत्र, मानवता, प्रेम और भाईचारा के लिए लोगों से पार्टी को समर्थन देने के लिए कहा गया है.
एक अन्य संदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं से कहा है कि “आपके साथ किसी विधायक ने अत्याचार किया है, तो आप विधायक बनो. सत्ता अपने हाथ में लो. राजनीति में बदलाव इसी तरह से आएगा.” उनका यह आह्वान पार्टी के प्रत्याशियों की सूची में उन्नाव बलात्कार पीड़ित की माँ के नाम को शामिल किये जाने के संदर्भ में है. इसी प्रकार एक और संदेश में उन्होंने कहा कि “राजनीति का असली मकसद सेवा है.”
कुछ समय पहले प्रियंका द्वारा दिया गया नारा “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” महिलाओं और छात्राओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो चुका है. इसके माध्यम से यह संकेत गया है कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का उद्देश्य काँग्रेस के लिए महज वादा नहीं है, बल्कि यह समाज व देश को बदलने का एक प्रयास है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि केवल राजनीतिक विषयों को उठाने के बजाए लोगों से, खास तौर पर महिलाओं से जुडने की यह पहल लोगों में काँग्रेस के प्रति रुचि बढ़ाने में सहायक हो रही है.