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कपूरथला लिंचिंग मामला: हत्या के आरोप में गुरुद्वारे का केयर टेकर गिरफ्तार

चंडीगढ़,नवसत्ता: पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि कपूरथला जिले के गुरुद्वारे में बेअदबी जैसी कोई घटना नहीं हुई. सीएम चन्नी के ऐलान के बाद पंजाब पुलिस ने गुरुद्वारे के केयर टेकर अमरजीत सिंह को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया है.

यहां बीते रविवार को कपूरथला के निजामपुर मोड़ गुरुद्वारे में एक युवक की बेअदबी के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद घटना में शामिल लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की बात कही गई. अब गुरुद्वारे का केयर टेकर गिरफ्तार हुआ है.

अमृतसर के बाद कपूरथला में इस तरह के मामले आने से पंजाब पुलिस और राज्य सरकार की खासी किरकिरी हुई थी. शुरुआत में कपूरथला की घटना को बेअदबी का रूप देने की कोशिश हुई, लेकिन अब मुख्यमंत्री के दावे के बाद साफ हो गया है कि वहां युवक की हत्या हुई थी और यह लिंचिंग का ही मामला है.

चंडीगढ़ में सीएम चन्नी ने पत्रकारों से कहा, ‘कपूरथला मामले की जांच की गई है, वहां ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि बेअदबी हुई है. कपूरथला में एक व्यक्ति ने पहली मंजिल पर महाराज का स्वरूप रखा हुआ था. यह मामला कत्ल की तरफ गया है. इस मामले में जांच हो चुकी है. मामला भी ट्रेस हो चुका है. नए फैक्ट के बाद अब एफआईआर को संशोधित कर दिया जाएगा.’ चन्नी के ऐलान के महज घंटेभर बाद गुरुद्वारा के केयर टेकर की गिरफ्तारी हो गई.

बताते चलें कि कपूरथला में बेअदबी का झूठा आरोप लगाकर कत्ल किए युवक को तलवारों से काटकर बेरहमी से मारा गया. पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों को युवक के शरीर पर 30 कट मिले थे, जो तलवार से मारे गए थे. डॉक्टरों के 5 मेंबरी बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया. इसमें युवक के गर्दन, सिर, छाती और दाईं जांघ पर गहरे जख्म मिले थे. घटना के बाद युवक का शव लेने के लिए कोई नहीं आया, इसके बाद पुलिस ने उसका संस्कार कर दिया.

इसके बाद मौके पर पहुंचे कपूरथला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने स्पष्ट कर दिया था कि युवक चोरी के इरादे से आया था, जिसने बेअदबी की कोई कोशिश नहीं की. भीड़ ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला. हालांकि, इस मामले में केस दर्ज करने के बावजूद पुलिस को मुकरना पड़ा.

दरअसल मामले की पोल तब खुली, जब एक जिम कर्मचारी ने उसका वीडियो वायरल किया. इसमें मारा गया युवक मंदबुद्धि लग रहा था. वीडियो सामने आने के बाद पुलिस और सरकार पर सवाल खड़े होने लगे कि कपूरथला मामले को जानबूझकर बेअदबी का रंग दिया गया. वह असल में मॉब लिंचिंग ही थी.

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