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रोहिणी कोर्ट मामले में डीआरडीओ वैज्ञानिक गिरफ्तार

नई दिल्ली,नवसत्ता: राजधानी दिल्ली में बीते 9 दिसंबर को रोहिणी कोर्ट में कोर्ट नंबर 102 में हुए टिफिन बम ब्लास्ट मामले में कई राज सामने आए हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सीसीटीवी की 1000 घंटे का फुटेज और 9 दिन कई सबूतों को खंगालने के बाद डीआरडीओ वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने वैज्ञानिक के घर से घटना से संबंधित आपतिजनक सामग्री और आइईडी जब्त की है. वहीं, ब्लास्ट मामले की जांच में जुटी स्पेशल सेल की 300 पुलिसकर्मियों की 9 टीमों ने 9 दिनों तक जांच के बाद मामले में कई राज सामने आए हैं. इस दौरान जांच में पता चला है कि केंद्रीय संस्था डीआरडीओ में लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के एक आरोपी साइंटिस्ट तक पहुंचने के लिए टीमों ने कोर्ट रूम के एंट्री रजिस्टर से लेकर लगभग दर्जन भर से ज्यादा पहलुओं की बारीकी से जांच की. जिसके बाद टीम भारत भूषण कटारिया तक पहुंच पाई.

दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा एंट्री रजिस्टर की जांच के दौरान पता चला कि उस दिन कुल 70 से ज्यादा केस लगे हुए हैं, जिनमें से एक केस में वहां मौजूद एडवोकेट और उसके विरोधी साइंटिस्ट भारत भूषण कटारिया के बीच के विवाद का पता चला. वहीं, जांच में ऐसा महत्वपूर्ण प्वाइंट था, जिसके आधार पर पुलिस ने अपनी जांच-पड़ताल को आगे बढ़ाना शुरू किया और मामले को सुलझाने में उसे बड़ी सफलता मिली.

सीसीटीवी फुटेज में आरोपी गेट नंबर 7 में बैग ले जाता हुआ दिखा
बता दें कि पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिस काले रंग के बैग में बम रखा गया था, उसने जांच में अहम भूमिका निभाई. वहीं, इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जांच से मिले बैग की कंपनी के मुंबई में होने का खुलासा हुआ और इस संपनी में साइंटिस्ट के एक रिश्तेदार के काम करने की जानकारी मिली. उससे जानकारी मिली कि कंपनी की तरफ से किन-किन लोगों को बैग दिया गया था.

इसके आधार पर जांच आगे बढ़ी और साइंटिस्ट तक पहुंचने में कामयाबी मिली. इस दौरान तीसरे अहम सुराग में सीसीटीवी में मिला. फुटेज के दौरान पुलिस को आरोपी भरत भूषण गेट नंबर-7 से वह दो बैग लेकर एंट्री करते हुए देखा गया. इसके बाद वह अंदर घुसा और एक बैग लेकर उसने कोर्ट रूम में उसे वकील के ठीक पीछे रखा और वहां से निकल गया.

डंप डाटा की जांच में लोकेशन व टाइमिंग हुई कंन्फर्म
गौरतलब हैं कि दिल्ली पुलिस द्वारा डंप डाटा की जांच के दौरान घटनास्थल के पास के टावर से लिंक नंबरों की जांच की गई. इसके बाद उसमें जांच-पड़ताल करने पर नंबर की लोकेशन व टाइमिंग भी जांच का एक महत्वपूर्ण आधार बना. वहीं, पुलिस द्वारा साइंटिस्ट के घर छापेमारी के दौरान बरामद बम के मैटेरियल मिले. वहीं सामान कोर्ट में हुए ब्लास्ट में भी इस्तेमाल किए गए थे. इसके बाद पुलिस ने उसे इन 5 सबूतों के आधार पर दबोच लिया.

दिल्ली पुलिस ने कटारिया के घर से कई फाइल कवर से लेकर कुछ आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे लैपटॉप व मोबाइल बरामद किए हैं. साथ ही घटना के समय उसने जो काले रंग का कोट और पैंट पहन रखा था उसे भी जब्त किया. शुरुआती पूछताछ में उसने बताया कि उसका वकील अमित वशिष्ठ से विवाद चल रहा है. जिसका बदला लेने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया.

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