नई दिल्ली, नवसत्ता: कोरोना के दक्षिण अफ्रीका में नए वेरिएंट ने हड़कंप मचा रखा है. वहीं भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कड़ी करने के लिए कहा है. इन सबके बीच पीएम नरेंद्र मोदी शीर्ष अधिकारियों के साथ कोरोनावायरस और वैक्सीनेशन से संबंधित स्थिति पर एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस स्थिति में प्रधानमंत्री की ये मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है.
प्रधानमंत्री की कोविड-19 स्थिति और टीकाकरण पर शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल मौजूद थे.
कोविड-19 के नये वेरिएंट पर बारीकी से नजर रख रहा है. हालांकि देश में इसकी मौजूदगी का अभी तक पता नहीं चला है. दक्षिण अफ्रीका में सामने आये नए वेरिएंट में स्पाइक म्यूटेशन के ज्यादा होने की आशंका है. दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने इसके 22 मामलों की पुष्टि की है. इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, आईएनएसएसीओजी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि वेरिएंट बी.1.1.1.529 पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सैंपल्स इकठ्ठे किए जा रहे हैं और पॉजिटिव सैंपल्स को विशेष रूप से प्राथमिकता के आधार पर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय और जैव प्रौद्योगिकी विभाग पहले ही स्थिति की समीक्षा कर चुके हैं. केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले या इन देशों के रास्ते आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग और जांच की जाए.
इन देशों में कोविड-19 के गंभीर जनस्वास्थ्य प्रभावों वाले नये वेरिएंट सामने आने की सूचना है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिवों को लिखे पत्र में, उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि संक्रमित पाये गए यात्रियों के नमूने तुरंत निर्दिष्ट जीनोम सीक्वेसिंग लैब्स को भेजे जाएं.