लखनऊ,नवसत्ता: शाह आलम गुड्डु जमाली के इस्तीफे के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने उमाशंकर सिंह को बसपा विधानमंडल दल नेता बनाया है. इसके साथ ही बसपा संविधान दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी. मायावती ने आरोप लगाया है कि सरकारें संविधान का पालन नहीं कर रही हैं. लिहाजा इस दिन बीएसपी अपना विरोध जताएगी. फिलहाल राज्य में लगातार बीएसपी के नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं.
असल में गुरुवार को विधानसभा में बीएसपी विधायक दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और बीएसपी प्रमुख पर अनदेखी का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में मायावती ने जमाली पर के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वह अपने मुकदमे के निपटारे के लिए दबाव बना रहे थे और उन्होंने धमकी दी थी अगर वह इस मामले के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से बात नहीं करती हैं तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. वहीं आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक रहे शाह आलम को इसी साल जून में मायावती ने विधायक दल का नेता बनाया था.
बीएसपी छोड़ चुके शाह आलम ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि भारी मन से मैं विधान सभा और बसपा के सदस्य के हर पद से इस्तीफा दे रहा हूं. 21नवंबर को पार्टी की बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि 2012 से वह पार्टी के प्रति वफादार रहे हैं और पार्टी द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरी उपेक्षा की जा रही है. इसलिए अब साथ रहने का कोई कारण नहीं है और वह अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं.
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 2012 और 2017 में आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और पार्टी ने 2014 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी जमाली को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में जमाली को दो लाख 70 हजार से अधिक वोट मिले. शाह आलम को मायावती का बेहद करीबी बताया जाता है. पिछले साल राज्यसभा चुनाव के बाद जब कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़कर बगावती रुख अख्तियार किया था, तब मायावती ने शाह आलम पर विश्वास जताते हुए विधानमंडल के नेता जैसे अहम पद की जिम्मेदारी भी सौंपी थी.
बता दें कि शाह आलम मायावती से ज्यादा अमीर हैं. विधानसभा के रिकार्ड के मुताबिक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली मौजूदा विधानसभा में सबसे अमीर विधायक हैं और उनकी कुल संपत्ति 118 करोड़ रुपये से अधिक है. गुड्डू जमाली वर्ष 2014 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं और कुछ ही वोटों से चुनाव हारे थे. वहीं शाह आमल पर एक लड़की ने छेड़छाड़ का भी मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं.