जौहरी और जैन पहले स्थानांतरित अब किए जा रहे निलंबित
दोनों ने पत्र लिखकर मिशन के कामकाज पर खड़े किए थे सवाल
अफसरों के गले की फांस बनी थीं इनकी चिट्ठियां
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ, नवसत्ता: मिशन जल जीवन में बिना एस्टीमेट टेंडर किए जाने और फिर लिमिट से ऊपर के अनुबंधों पर साइन करने का दबाव बनाने जैसे मामलों पर चिट्ठियां लिखने वाले इंजीनियरों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. पहले इन इंजीनियरों का जनहित बताकर स्थानांतरण किया गया. और अब एक एक करके उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। कन्नौज में जल जीवन मिशन का काम देख रहे अधिशाषी अभियंता निर्दोष कुमार जौहरी को हाल ही में स्थानांतरित करते हुए मुख्यालय से अटैच किया गया था जबकि जौहरी को कन्नौज में काम करते हुए सिर्फ 10 माह ही हुए थे.
जल निगम ग्रामीण के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक सुशील कुमार पटेल के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक दीपावली के बाद बीती 11 नवंबर को ही निर्दोष जौहरी को निलंबित कर दिया गया जबकि अमरोहा के अधिशाषी अभियंता आकाश जैन पर भी सस्पेंशन की गाज गिरने वाली है.
इस मामले को लेकर जब सुशील पटेल से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा जबकि वाट्सएप पर भी मैसेज देकर जानकारी मांगी गई लेकिन उसका भी कोई उत्तर सुशील पटेल की तरफ से नहीं दिया गया। उधर निर्दोष जौहरी और आकाश जैन के फोन बंद हैं। सूत्र बताते हैं कि निर्दोष जौहरी और आकाश जैन को विभाग में सही काम करने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने जिन कार्यों के लिए चिट्ठियां लिखकर ऊपर के आला अफसरों से दिशा निर्देश मांगे थे वही अब उनके गले की फांस बन गया है, आला अफसरों ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पहले इन दोनों का स्थानांतरण किया और अब निलंबन करके मानो जैसे कोई बदला निकाल रहे हैं।