राजेंद्र पाण्डेय वृंदावन,नवसत्ता:कार्तिक के पवित्र माह में पूज्या देवी चित्रलेखा जी ने विगत दिवस शनिवार को वृन्दावन के केशीघाट पर यमुना महारानी का चुनरी मनोरथ (YAMUNA CHUNARI MANORATH) आयोजित किया। सर्वप्रथम देवी जी ने अपने सहयोगियों के साथ यमुना मैया का पूजन-अर्चन किया। तत्पश्चात भगवान श्रीराधे गाविन्द को नौका विहार कराया गया। सैकड़ो मीटर लम्बी आकर्षक साडियों को आपस में जोड़कर सुसज्जित दर्जनों नावों के माध्यम से यमुना के एक तट से दूसरे तट तक ले जाया गया। दृश्य इतना मनोहारी लग रहा था कि मानो यमुना महारानी जी रंग बिरगें वस्त्र ओड़कर अपने भक्तों को दर्शन दे रही हो।
प्रशासन व आमजन को दिया शुद्धीकरण का संदेश
कार्यक्रम की यजमान अमेरिका से चन्द्रिका बेन डिजीटल माध्यम से इस समस्त आयोजन से जुड़ी रहीं। नौका विहार की मुख्य सेवा रुपमंजरी तथा मयूरी की रही। कार्यक्रम में सैकड़ों भक्तजनों के साथ-साथ कथावाचक संजीव कृष्णजी, कथावाचक आचार्या इंद्रेश जी, आचार्य शिवप्रसाद तथा श्रीमान तनय कृष्ण जी माधवी किशोरी जी साध्वी सीमा जी शुमन किशोरी जी कृष्णा देवी की गरिमामयी उपस्थिती रही। देवी चित्रलेखा जी ने माँ यमुना की महिमा का गुणगान किया।
उन्होंने कहा कि यमुना जी वर्तमान में प्रदूषण का दंश झेल रही हैं किन्तु अपवित्र नहीं हो सकती। प्रशासन तथा आम-जनमानस को एकजुट व संकल्पित होकर साफ-स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। जिससे यमुना जी को पुराने दिव्य स्वरूप में वापस लाया जा सके।
ज्ञातव्य है कि कार्तिक माह में पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है कार्तिक मास में यमुना जी की विशेष पूजा की जाती है। इस मास में यम द्वितीया के दिन यमुना स्नान करना विशेष शुभ माना जाता है। कार्यक्रम के अंत में समस्त भक्तजन भजनों की धुन पर झूमते नजर आये। भण्डारा प्रसाद का आयोजन श्री राधा मुरारी मोहन कुजं पर किया गया।