लखनऊ,नवसत्ता : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि राज्य में कोयला संकट के चलते बिजली कटौती की स्थिति पैदा नहीं होगी. सीएम योगी ने कहा कि त्योहारों पर किसी भी घर में अंधेरा न रहे इसलिए सरकार 22 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है.
सीएम ने कहा कि पहले बिजली सिर्फ 4 जिलों को मिलती थी, मगर आज 71 जिले रोशन हैं. कोयले का संकट है. बरसात के कारण कोयले की खादानों में पानी भर गया. अब एक यूनिट बिजली हमें 22 रुपए की पड़ रही है. तब भी हम खरीद रहे हैं. किसी भी कीमत पर पर्व और त्योहार में अंधेरा नहीं होने देंगे, उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में वही बिजली 7 रुपये प्रति यूनिट के दर से खरीदी जाती थी.
सीएम ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों में 75 जिलों में से सिर्फ चार जिलों में ही बिजली आपूर्ति की जाती थी. पर्व और त्योहारों पर प्रदेश अंधेरे में डूबा रहता था, हमारी सरकार आने बाद पूरे प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति की गई.
सीएम योगी ने आगे कहा कि सरकार पीएम मोदी के मंत्र सबका साथ, सबका विकास पर काम कर रही है. प्रदेश में 2 करोड़ 61 लाख से अधिक शौंचालय बनाए गए, आवास योजना के तहत 42 लाख परिवारों के घर का सपना पूरा किया गया.
उन्होने कहा कि पर्व और त्योहार बहुत से परिवारों की आय का जरिए होते हैं लेकिन 2017 से पहले जब त्योहार आते थे तो प्रदेश में दंगे होते थे, कारोबार चौपट हो जाते थे. हमारी सरकार आने के बाद पिछले साढ़े चार सालों में एक भी दंगा नहीं हुआ है. योगी ने कहा कि पिछली सरकार की फितरत ही दंगों में थी. पहले प्रदेश की पहचान ही दंगा थी. क्योंकि, सरकारें दंगाइयों को प्रश्रय देती थीं, दंगों से प्रदेश की जनता प्रताडि़त थी.
सीएम के दावों से इतर बता दें कि प्रदेश में कोयला संकट बना हुआ है. इसके चलते सरकारी बिजली घरों से प्रतिदिन 1100 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो रहा है. सरकार की कवायद है कि भले ही दिन में सप्लाई प्रभावित रहे, लेकिन रात को इसे सुचारु रखा जा सके. इसके लिए लगातार 17 रुपये और 22 रुपए प्रति यूनिट की दर से एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीद रही है. मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को 17 रुपये की दर से दो करोड़ छह लाख यूनिट बिजली की खरीद की गई. प्रदेश की तापीय परियोजनाओं पारीछा, अनपरा, ओबरा व हरदुआगंज में आधे से एक दिन का कोयला ही शेष बचा है.
पारीछा की 210 मेगावॉट वाली यूनिट बंद हो गई है तो ओबरा से क्षमता के अनुपात में 180 मेगावॉट कम बिजली पैदा हो रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस महीने अब तक सरकार को 350 करोड़ रुपए के करीब बिजली खरीदनी पड़ी है.
यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि सोमवार को नियामक आयोग की मुहर लगते ही 400 मेगावाट हाइड्रो पावर बिजली प्रदेश को मिलनी शुरू हो जाएगी.
बिडिंग शर्तों के तहत प्रदेश ने हाइड्रो पावर की इस बिजली का लगभग 5.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से 25 वर्ष के लिए अनुबंध किया था लेकिन शर्तों में कुछ बदलाव के चलते उस पर आयोग की मुहर लगनी बाकी थी. बता दें कि बिजली संकट से राहत देने के लिए पॉवर कॉर्पोरेशन महंगी बिजली खरीद तो रहा है, पर हालात सामान्य होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. कोयले की कमी से तापीय इकाइयों में उत्पादन बंद या कम होने का सिलसिला जारी है.