राज्य सरकारें और बिजली कंपनियां जबरदस्ती लोगों में फैला रहीं दहशत
नई दिल्ली,नवसत्ता : देश भर में कोयले की कमी को लेकर अफरा-तफरी के बीच ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ऊर्जा मंत्रालय, बीएसइएस और टाटा पावर के अधिकारियों के साथ बैठक की. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है, हमारे पास पर्याप्त भंडार है. हां, हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है. कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया. उन्होंने कहा कि पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है लेकिन 4 दिन का स्टॉक है. कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है. हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं.
मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि बिजली कंपनियां और राज्य सरकारें जबरदस्ती लोगों में दहशत फैला रही है. उन्होंने कहा कि कंपनियों का ये व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है. आरके सिंह ने रविवार को गेल और टाटा पावर को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी. बता दें कि कंपनी ने कहा था कि देश में कोयले का भंडार अगले सिर्फ 4-5 दिनों के लिए बचा है.
बिजली मंत्रालय, बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद आरके सिंह ने कहा, ‘कल शाम को मुझे दिल्ली के एलजी का फोन आया. उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली के सीएम ने बिजली संकट को लेकर उन्हें पत्र लिखा है. दिल्ली में बिजली आपूर्ति मांग के मुताबिक है और भविष्य में भी की जाएगी.’
दहशत को बिना किसी आधार के बताते हुए आरके सिंह ने कहा कि ये मुद्दा इसलिए शुरू हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली डिस्कॉम को एक मैसेज भेजा. जिसमें उन्होंने लिखा कि वे अनुबंध समाप्त होने के कारण आपूर्ति बंद करने जा रहे हैं. मंत्री ने कहा, ‘मैंने निर्देश दिया है कि आपूर्ति किसी भी हाल में बंद नहीं होनी चाहिए. कहीं कोई संकट नहीं है. यह एक अनावश्यक संकट है.’
मंत्री ने गेल और टाटा पावर के ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ की भी आलोचना की और आश्वासन दिया कि देश के पास अभी भी 4-5 दिनों का रिजर्व है. उन्होंने कहा, ‘हमारा कोयला स्टॉक बनाया जा रहा है, चिंता की कोई बात नहीं है. लोगों को पता होना चाहिए कि हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं. ये स्थिति इसलिए है क्योंकि मांग में वृद्धि हो रही है. डिमांड अधिक है, इसका मतलब है कि आर्थिक विकास हो रहा है.’
कई मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को लिखी चिट्ठी
बिजली संकट की आशंका को देखते हुए कई मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की है. आंध्र प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्र को चिट्ठी भेजी है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय कोयला मंत्री को लिखा पत्र
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र भेजकर यूपी को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने और कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने का अनुरोध किया है. दरअसल यहां राज्य विद्युत निगम की सबसे बड़ी अनपरा परियोजना में कोयले का स्टॉक प्रतिदिन 10 हजार टन कम हो रहा है. कोयले की आपूर्ति जल्द ही सामान्य न हुई तो पूरा प्रदेश बिजली संकट की चपेट में आ सकता है.