Navsatta
करियरखास खबरराजनीतिराज्यशिक्षा

यूपी में शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े 26,933 कामकाजी बच्चे

पंचायतों और शहरी वार्डों में ‘नया सवेरा योजना’ बनी कामकाजी बच्चों का सहारा

शिक्षा के साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण लेकर संवरने लगा कामकाजी बच्चों का जीवन

लखनऊ,नवसत्ता : होटल, कारखाने, दुकानों और घरों में मजदूरी करने वाले बच्चे शिक्षित होकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने लगे हैं. व्यवसायिक प्रशिक्षण उनके जीवन में बदलाव ला रहा है. पंचायतों और शहरी वार्डों में बाल श्रम करने वाले कई बच्चे पढ़-लिखकर अपने परिवार का सहारा बन रहे हैं. यूपी सरकार की नई सवेरा योजना ने रोजी-रोटी के लिए दिनभर श्रम करने को मजबूर बच्चों के जीवन को संवारने का काम किया है. अब इन बच्चों के चेहरों पर मुस्‍कुराहट है और उनमें आत्मविश्वास भी जगा है.

कामकाजी बच्चों के जीवन में सुधार लाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए सरकार की पहल कारगर साबित हुई है. साढ़े 4 साल में नया सवेरा योजना के जरिए प्रदेश के 26,933 बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ा गया है. सरकार की योजना में यूनीसेफ संस्था ने भी सहयोग किया है. उसने प्रदेश के 20 जिलों में 1197 ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में 39,576 कामकाजी बच्चों का चिन्हांकन किया. चिन्हित किये गये इन कामकाजी किशोर-किशोरियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण के कार्यक्रमों से जोड़ा गया. उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रयास शुरू किये. साथ में इन कामकाजी बच्चों के 7561 परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ भी दिलाया.

सरकार ने बाल श्रमिकों के जीवन को सुधारने के साथ बंधुआ श्रमिकों को बसाने के लिए भी योजनाएं चलाईं. वित्तीय वर्ष 2020-21 में नवीन बंधुआ श्रम योजना से 265.17 लाख रुपये व्यय किये गए. बता दें कि वर्ष 2017-18 में 3065 और 2018-19 में 1210 बंधुआ मजदूरों को चिन्हित किया गया. इनको बसाने के साथ गुजारा-भत्ता की व्यवस्था की गई जबकि 2019-20 में नवीन बंधुआ श्रम योजना 595 बंधुआ श्रमिकों को बसाया गया.

संबंधित पोस्ट

गोरखपुर से कानपुर और काशी के लिए विमान सेवा शुरू, सीएम योगी ने किया उद्घाटन

navsatta

सीएम योगी के हेलीकॉप्टर से टकराई चिड़िया, बड़ा हादसा टला

navsatta

इको गार्डन में उमड़ी किसानों की भीड़, महापंचायत में बताई अपनी मांगें

navsatta

Leave a Comment