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आजम खान का चहेता ही चला रहा है जल जीवन मिशन

जीपी शुक्ला पर रही हैं आजम की मेहरबानियां

पहले सीएनडीएस का निदेशक और बाद में जल निगम का एमडी तक बनाया

आउट ऑफ वे जाकर की गई थी शुक्ला की तैनाती

चीफ इंजीनियर लेवल का होता है निदेशक सीएनडीएस का पद

2016 में निदेशक सीएनडीएस बने जीपी शुक्ला स्थानापन्न एसई थे

2017 में जल निगम के एमडी भी बना दिए गए थे शुक्ला

आजम और आफाक के चहेते शुक्ला इस समय जल निगम के मुख्य अभियंता ग्रामीण हैं

मौजूदा समय में जीपी शुक्ला जल जीवन मिशन के कोआर्डिनेटर का देख रहे काम

शुक्ला पर ईएफसी से स्वीकृत दरों से ज्यादा दरों पर टेंडर देने के आरोप

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ,नवसत्ता: वो कहते हैं ना कि सैंय्या भये कोतवाल तो डर काहे का। जी हां भ्रष्टाचार और घोटाले की भेंट चढ़ चुके जल जीवन मिशन के कोआर्डिनेटर जीपी शुक्ला के बारे में भी यही कहा जाता है। विभाग के लोग बताते हैं कि जीपी शुक्ला समाजवादी पार्टी सरकार में जल निगम के मुखिया आजम खान के बेहद करीबी माने जाते थे। तत्कालीन सरकार में आजम खान की नजदीकियों के चलते ही जी पी शुक्ला जल निगम के एमडी और सीएनडीएस के निदेशक तक बनाए गए थे। जीपी शुक्ला की उस सरकार में तो पौ बारह थी ही इस सरकार में भी उनकी चांदी ही चांदी है। जीपी शुक्ला जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के भी चहेते हैं। यही वजह है कि मुख्य अभियंता ग्रामीण के साथ साथ ही उन्हें 1 लाख 20 हजार करोड़ की लागत वाले प्रदेश के जल जीवन मिशन का कोआर्डिनेटर भी बनाया गया है। बताया जाता है कि जल जीवन मिशन में टेंडर और वेंडर के सेलेक्शन से लेकर रेट और वेट तय करने में जी पी शुक्ला की अहम भागीदारी होती है। सपा सरकार में जल निगम के तत्कालीन अध्यक्ष आजम खान और सलाहकार आफाक अहमद के सहयोग से सभी बड़े काम जीपी शुक्ला की ही देख रेख में कराए जाते थे। आजम और आफाक की हां में हां मिलाने वाले शुक्ला पर मेहरबानियों की बरसात होती रहती थी। साल 2016 में जब जीपी शुक्ला रेगुलर सुपरिटेंडेंट इंजीनियर भी नहीं थे तब इन्हें मुख्य अभियंता के पद के बराबर सीएनडीएस का निदेशक बनाया गया था। बाद में कई सीनियर इंजीनियरों के विरोध के चलते इन्हें सीएनडीएस के निदेशक के पद से हटाया गया था। लेकिन चंद महीनों बाद ही मार्च 2017 में एक बार फिर जीपी शुक्ला को जल निगम का एमडी बना दिया गया। शुक्ला की ये तैनाती भी आउट ऑफ वे जाकर की गई थी। आजम और आफाक ने जब शुक्ला को जल निगम का एमडी बनाया तो वो करीब 15 इंजीनियरों से 6 साल जूनियर थे। इसी बीच मुख्य अभियंता और सीएनडीएस के निदेशक रहे अनूप सक्सेना ने हाईकोर्ट में केस कर दिया जिसके चलते अप्रैल 2017 में ही जीपी शुक्ला को एमडी जल निगम के पद से हटाकर वाई के जैन को कार्यवाहक एमडी बनाया गया।

बाद में अनूप सक्सेना ही जून 2017 में जल निगम के रेगुलर एमडी बनाए गए। आजम खान और आफाक अहमद की विशेष कृपा से निदेशक सीएनडीएस और जल निगम के एमडी बनाए जाने पर जब जीपी शुक्ला से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो दोनों ही जगह कार्यवाहक ही थे और सीएनडीएस का निदेशक बनाये जाने के समय वो स्थानापन्न नहीं रेगुलर सुपरिटेंडेंट इंजीनियर थे। मौजूदा समय में इएफसी से स्वीकृत दरों के विपरीत जाकर मनमाने दरों पर टेंडर देने के सवाल पर जीपी शुक्ला ने कहा कि जल जीवन मिशन में कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी संभालने से पहले ही आधे से ज्यादा टेंडर किए जा चुके थे।

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