नई दिल्ली, नवसत्ता: भारत सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपना पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 साल 2022 की तीसरी महीने में लॉन्च होने की संभावना है। दरअसल इल मिशन को 2020 की शुरुआत में कोरोना महामारी के कारण आगे बढ़ा दिया गया था। वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस मिशन के साथ ही सुपरनोवा को भी लॉन्च किया जाएगा।
आदित्य एल-1 मिशन को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लेग्रेंगियन पॉइंट 1 (एल-1) के चारों ओर प्रभामंडल की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा, ताकि बिना किसी बाधा या ग्रहण के निरंतर सूर्य का प्रेक्षण किया जा सके। मालूम हो कि अबतक तीन देश इस मिशन को पूरा कर पाए हैं। इन देशों के नाम अमेरिका, यूरोपीय युनियन और जापान है। वहीं अगर यह मिशन सफल होता है तो भारत भी इस मिशन को करने वाले देशों की लिस्च में शुमार हो जाएगा।
2019 में की गई थी सूर्य मिशन की घोषणा
इसरो ने साल 2019 में देश के पहले सूर्य मिशन की घोषणा की। लेकिन तब कोरोना के कारण लगातार संक्रमित हो रहे लोगों को देखते हुए इसे आगे बढ़ा दिया गया। अब इसे अगले 2022 में लांच करने के लिए कमर कस ली गयी है. मिली जानकारी के अनुसरा इसरो जल्द ही सूर्य के अध्ययन के लिए अपना सेटेलाइट भी लांच करने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी मिशन का नाम ‘आदित्य-एल 1’ रखा गया है।
भारत की एक राष्ट्रिय अंतरिक्ष एजेंसी है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन भारत की एक राष्ट्रिय अंतरिक्ष एजेंसी है जिसकी स्थापना भारत में अंतरिक्ष से जुड़े कार्यों को करने के लिए साल 1969 में की गई थी। वर्तमान में इसरों का मुख्यालय बेंगलुरु में है। पिछले कुछ सालों से ISRO ने कई उपलब्धियां प्राप्त की है। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी लगातार प्रगति का श्रेय ISRO को ही दिया जाता है।