लखनऊ,नवसत्ता : कानपुर के बहुचर्चित बिकरू शूटआउट केस में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की जमानत अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसके परिवार और पति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। क्योंकि एक नाबालिग की शादी नहीं हो सकती।
खुशी दुबे पिछले एक साल से जेल में बंद है। घटना के चार महीने बाद सरकार ने उस पर अन्य मुकदमे भी लगा दिए। उस वक्त खुशी नाबालिग थी। इस मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने खुशी दुबे की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। खुशी दुबे की तरफ से वकील विवेक तन्खा पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिकरू कांड के कुछ दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी। उस वक्त उसकी उम्र 17 साल 10 महीने थी और वह नाबालिग थी। उसकी शादी को महज सात दिन हुए थे। उसके पिता उसे घर ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उसे नारी निकेतन भेज दिया। उसका बिकरू कांड से कुछ लेना देना नहीं है।
विवेक तन्खा ने कहा कि वो एक छोटी बच्ची है। उसकी शादी को एक हफ्ता भी नहीं हुआ था, लेकिन पुलिस ने उस पर पति अमर दुबे को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगात हुए कहा कि उसके परिवार और पति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। क्योंकि एक नाबालिग की शादी नहीं हो सकती।
गौरतलब है कि कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 को गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों को मार डाला था। इसमें अमर दुबे भी शामिल था। इसके बाद एसटीएफ ने अलग-अलग एनकाउंटर में विकास दुबे, अमर दुबे और अन्य तीन को मार गिराया था।