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विधान परिषद में गूंजा जलजीवन मिशन घोटाला,मंत्री ने खोया आपा

समाजवादी पार्टी ने उठाया मामला, जलशक्ति मंत्री का मांगा इस्तीफा
निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ,नवसत्ताः जलजीवन मिशन घोटाले के मुद्दे पर आज विधान परिषद में विपक्ष और जलशक्ति मंत्री के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। विपक्ष ने मिशन में हुए हजारों करोड़ के घोटालों की जांच की मांग उठाते हुए जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह का इस्तीफा मांगा इस पर मंत्री आपा खो बैठे और अपने सवालों का जवाब देने की चुनौती देने लगे।
विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के राजेश यादव संजय लाठर और आनंद भदौरिया ने जलशक्ति मंत्री को घेरते हुए उनके विभाग में मचे भ्रष्टाचार और जलजीवन मिशन में रहे घोटालों की जांच कराने की मांग उठाई। राजेश यादव ने हर घर नल योजना में एस्टीमेट से पहले ही हजारों करोड़ के टेंडर वो भी राज्य के बाहर की कंपनियों को देने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि टेंडर पाई कंपनियां अब जलनिगम के स्वीकृत दरों से 30 से 40 प्रतिशत की ज्यादा दरों का एस्टीमेट बनवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में जलनिगम कार्यदायी संस्था है पर उससे काम ना लेकर मनमाफिक कंपनियों का चयन करके उन्हें काम दिया जाना ही घोटाले करना है। उन्होंने टेंडर के साथ ही कामों के लिए होने वाली टीपीआई थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन में भी अन्य राज्यों के मुकाबले चार गुना तक की दरों पर कंपनियों को काम देने पर सवाल खड़े किए।

संजय लाठर ने कई राज्यों और सेना द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई कंपनी रश्मि मैटलिक्स को हजारों करोड़ की पाइप सप्लाई का काम दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने पीने के पानी के लिए कराए दाने वाले तमाम कार्यों की जल निगम से स्वीकृत दरों का हवाला देकर बताया कि कैसे जलजीवन मिशन उन्हीं कामों को जलनिगम के स्वीकृत दरों से 40 प्रतिशत की ज्यादा दरों पर करा रहा है। यही नहीं मिशन के काम में जलनिगम कार्यदायी संस्था नहीं है तो उसके इंजीनियरों और कर्मचारियों से काम क्यों लिया जा रहा है। राज्य के बाहर की कंपनियों को टेंडर देने पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। लाठर ने मंत्री महेंद्र सिंह से पूछा कि क्या वजह रही कि राज्य की कंपनियों और ठेकेदारों को मिशन के काम क्यों नहीं दिए गए।
सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने तल्ख तेवर में बीजेपी को भी घेरा और आरोप लगाया कि जलजीवन मिशन के हजारों करोड़ के घोटाले में दिल्ली से लेकर यूपी तक की सरकार संलिप्त है। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि ब्लैकलिस्टेड रश्मि मैटलिक्स क्या गुजरात की कंपनी है उसे किसके इशारों पर हजारों करोड़ की पाइप सप्लाई का काम दिया गया। आनंद ने आरोप लगाया कि ये पहली बार हुआ है कि कंपनियों को हजारों करोड़ के टेंडर पहले ही बांट दिए गए और अब कंपनियां अपने मनमाफिक रेट पर एस्टीमेट बनवा रही हैं, जो जलनिगम के स्वीकृत रेट्स से कई गुना ज्यादा हैं। यही नहीं कंपनियां अपने रेट पर एस्टीमेट को पास कराने का इंजीनियरों पर दबाव भी बना रही हैं।आनंद भदौरिया ने सीधे तौर पर जलशक्ति मंत्री का इस्तीफा मांगा और कहा कि धुआं उठा है तो जांच तो होनी ही चाहिए।

सदन में समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हमले का जवाब देने उठे जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह अपना आपा खो बैठे और समाजवादी पार्टी के सदस्यों को चुनौती देते हुए अपने सवालों का जवाब मांगने लगे। उन्होंने चुनौती देते हुए सपा से कहा कि उनके समय में भ्रष्टाचार होता था। भाजपा सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीें हो रहा है हालांकि उन्होंने इस मामले की जांच से इंकार किया कर दिया।

आप सांसद संजय सिंह ने फिर दोहराया,निष्पक्ष जांच हो

इस बीच जलजीवन मिशन घोटाले को लेकर सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठा रहे आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने आज अपना वीडियो जारी कर एक बार फिर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि उनके आरोपों की पुष्टि अब जलनिगम के अधिकारी ही कर रहे हैं। कन्नौज के अधिशाषी अभियन्ता ने जिस तरह पत्र लिखकर बताया है कि स्वीकृत दरों से 40 प्रतिशत अधिक भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है वह अत्यंत गंभीर मामला है। यह प्रदेश का महा घोटाला है।

 

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