अयोध्या,नवसत्ता : अयोध्या में हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है। इसी परंपरा के तहत श्री रामलला को आज 21 किलो चांदी का झूला समर्पित किया गया है। श्रावण शुक्ल तृतीया से पूर्णिमा तक सभी मंदिरों में भगवान श्रीराम झूले पर विराजते हैं। इस दौरान उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं।
ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी का झूला रामलला के लिए बनवाया गया है। श्रावण झूलोत्सव की परंपरा के तहत श्रीराम लला झूले पर पंचमी को विराजमान होंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि रामलला के लिए चांदी का विशेष झूला बनवाया गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने झूले की फोटो शेयर करते हुए बताया कि इस बार रक्षाबंधन तक रामलला इसी विशेष झूले में झूला झूलेंगे। यह विशेष झूला 21 किलो चांदी से बना है जोकि 5 फुट ऊंचा है।
बताया जा रहा है कि टेंट से बाहर निकलने के बाद अस्थाई मंदिर में विराजमान होने के बाद भी रामलला अभी तक झूलोत्सव से वंचित थे। लेकिन अब उनके लिए चांदी के झूले की व्यवस्था की गई है। अब भक्तों को रामलला झूले पर दर्शन देंगे। अयोध्या के सभी मंदिरों में तीज से ही झूलन उत्सव की शुरुआत हो जाती है। लेकिन राम मंदर में पंचमी से झूलन उत्सव की परंपरा है।
रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि पंचमी से राम मंदिर में झूलोत्सव मानया जाएगा। झूला पहले ही मंदिर में पहुंच चुका है। पंचमी को रामलला अपने भाइयों के साथ झूले पर विराजमान होंगे। इसेक बाद पूरे विधि विधान से उनकी पूजा-अर्चना कर उत्सव की शुरुआत होगी।