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ई-कॉमर्स पोर्टलों पर दी जा रही 80 फीसदी तक की छूट, कारोबारियों ने की जांच की मांग

नई दिल्ली,नवसत्ता : देशभर के काराबारियों ने ऑनलाइन कंपनियों के उत्पादों पर 80 फीसदी तक की छूट देने पर जांच की मांग की है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सभी मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र में कहा कि प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों पर बेचे जा रहे सामान को ये कंपनियां लागत से भी कम मूल्य या बाजार कीमत से काफी कम रख कर बेचती हैं या बड़े डिस्काउंट देती हैं।

इनकी राज्यों के जीएसटी विभागों से जांच कराई जानी चाहिए। साथ ही कैट ने कहा है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों को भी तुरंत लागू किये जाने पर मुख्यमंत्रियों से समर्थन की जरूरत है जिससे देश के वर्तमान ई-कॉमर्स व्यापार को प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों के एकाधिकार से मुक्त किया जा सके। इस विषय पर विस्तृत बातचीत करने के लिए कैट ने सभी मुख्यमंत्रियों से समय माँगा है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सभी मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र में कहा कि प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों पर बेचे जा रहे सामान को ये कंपनियां लागत से भी कम मूल्य या बाजार कीमत से काफी कम रख कर बेचती हैं या बे डिस्काउंट देती हैं। कई विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां हर साल विभिन्न प्रकार के सेल्स फेस्टिवल आयोजित कर रही हैं जिनमें अविश्वसनीय छूट दी जाती है जो बाजार कीमतों की तुलना में कीमत को कृत्रिम रूप से कम कर देती है। ई-कॉमर्स में एफडीआई नीति के तहत ये विदेशी कंपनियां केवल बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) व्यापार के लिए ही अधिकृत हैं जबकि वे पूरी तरह से उल्लंघन में सरकार की आंख और नाक के नीचे बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) बिक्री कर रही हैं।

वहीं बड़े-बड़े ई-टेलर्स साल भर त्योहार बिक्री का आयोजन करते हैं और ग्राहकों को लुभाने के लिए 10% से 80% तक की उच्च छूट देते हैं जो और कुछ नहीं बल्कि कृत्रिम मूल्य निर्धारण है जो एक जानबूझकर पैदा की गई विसंगति है जिससे सरकारों को जीएसटी राजस्व का भारी नुकसान होता है। हालांकि नीति बनाना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है लेकिन व्यापार राज्यों में होता है और इसलिए राज्यों को छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को इन कंपनियों के चंगुल से मुक्त करने और निष्पक्ष ई-कॉमर्स व्यापार सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से तुरंत बात करनी चाहिए।

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