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मथुरा-वृंदावन में शिष्यों ने किया ऑनलाईन गुरूपूजन, गुरूदक्षिणा में दिया कोरोना से बचाव का वचन

वृन्दावन,नवसत्ताः ठा0 श्री प्रियाकान्तजू मंदिर पर गुरूपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया । शिष्यों ने भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज का पूजन एवं माल्यापर्ण कर आर्शीवाद ग्रहण किया । बड़ी संख्या में भक्तों ने यूट्यूब, जूम आईडी आदि ऑनलाईन माध्यम से कार्यक्रम से जुड़कर गुरूपूजन की परम्परा का निर्वहन किया । देवकीनंदन महाराज ने गुरूदक्षिणा में कोरोना से सुरक्षा के लिये सभी से वैक्सीन लगवाने का वचन माँगा ।

शनिवार को प्रियकान्तजू मंदिर पर गुरूपूर्णिमा महोत्सव के अन्तर्गत चल रही ऑनलाईन श्रीमद्भागवत कथा का समापन हुआ । कथा समापन पश्चात सीमित संख्या में शिष्यों को गुरूपूजन कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया । संस्था सचिव विजय शर्मा ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुये श्रद्धालु-शिष्यों को वृन्दावन आने की मनाही की गयी थी । बड़ी एलईडी लगाकर शिष्यों को ऑनलाईन जोड़ा गया । यूट्यूब के माध्यम से भी शिष्यों ने अपने घरां में रहकर गुरूपूजन किया ।

प्रवचन में देवकीनंदन महाराज ने शिष्यों को कोरोना से परिवार की सुरक्षा के प्रति सचेत रहने को कहा। उन्होने कहा कि लोक धर्म कहता है कि हमारा शरीर सुरक्षित रहेगा तभी हम भगवान का भजन कर पायेंगे । कोरोना से बचाव के लिये हमें कोरोना वैक्सीन अवश्य ही लगवानी चाहिये । जिससे तीसरी लहर की आंशका को कम किया जा सके । ऑनलाईन गुरूपूजन करने वाले भक्तों से देवकीनंदन महाराज ने कहा कि अपने परिवार को वैक्सीनेट कर लीजिये, इस बार यही गुरूदक्षिणा है ।

इस अवसर पर बीना-शिव शंकर झा, केशव दत्त, सुधीर कुमार, विमला देवी, विष्णु शर्मा, गजेन्द्र सिंह, देव शर्मा, जगदीश वर्मा आदि मौजूद रहे ।

 

मुड़िया पूर्णिमा मेला को लगा कोरोना का ग्रहण

गोवर्धन (मथुरा)। हमारे देश ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर का दर्दनाक दंश का सामना किया है। अब तीसरी लहर की सुगबुगाहट के चलते देश व प्रदेश की सरकार व प्रशासन किसी भी प्रकार की राहत देने के मन में बिल्कुल भी नहीं है इसके चलते इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा पर्व पर होने वाला गोवर्धन का प्रसिद्ध मेला मुड़िया पूर्णिमा मेला का आयोजन नहीं किया गया। इसे निरस्त करने के आदेश जिलाधिकारी ने जारी कर दिए। इस मेले में हर साल 5 दिन में करीब एक करोड़ लोग गोवर्धन की 21 किलोमीटर की परिक्रमा लगाने के लिए आते हैं। अब सात दिवस पहले 19 जुलाई को गोवर्धन की सीमा सील कर दी गई।

गुरु पूर्णिमा मेला हर साल आषाढ़ महीने की एकादशी से पूर्णिमा तक 5 दिन तक गुरु पूर्णिमा मेला आयोजित किया जाता है। गुरु पूर्णिमा मेले को राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त उत्सव में 5 दिन में करीब एक करोड़ व इससे अधिक श्रद्धालु का आगमन होता है और गोवर्धन की 21 किमी की परिक्रमा करते हैं। इस बार यह मेला 20 जुलाई से 24 जुलाई तक लगना था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे निरस्त कर दिया गया। यह पर्व आमजन में मूड़िया पूनो मेला के नाम से प्रसिद्ध है। इस मेले में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान हरियाणा, दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा करने आते हैं। गोवर्धन में विदेशी श्रद्धालुओं की आस्था होने के चलते विदेशों से भी श्रद्धालु परिक्रमा करने आते हैं। मगर इस बार कोरोना का प्रभाव न फैले इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने मेला निरस्त करने के आदेश दिए।

मुड़िया की परंपरा न टूटे इसके लिए प्रशासन ने संतों को शोभायात्रा निकालने की सशर्त अनुमति दी। मुड़िया संतों ने ढोल-ढप, झांझ-मजीरे की धुन पर शोभायात्रा निकाल कर 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया। वाद्य यंत्रों की धुन पर मुड़िया संतों ने श्रीपाद सनातन गोस्वामी के डोले के साथ नगर में भ्रमण किया। पुष्पवर्षा के साथ जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया। मुड़िया संतों का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।

 

सभी कपट कुशाग्र नहीं वरन् कुशाग्र बुद्धि हों: साध्वी ऋतम्भरा

वृन्दावन (मथुरा)। वात्सल्य ग्राम, वृन्दावन में शुक्रवार 23 जुलाई 2021 गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। वात्सल्य ग्राम सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में अपने शिष्यों व यहां पधारे धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं को दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा ने आर्शिवचन दिया तथा उन्होंने तत्पश्चात पादुका पूजन किया।
दीदी माँ ने अपने आर्शीवचन में कहा कि जो सुख की तलाश में जग घूमता है उससे बड़ा भीखारी कोई नहीं। शिकायतें मत करो। हमेशा पुस्तक वितरित करें जिससे मिला ज्ञान हमेशा स्वयं व दूसरों के हित में रहते हैं। आगे कहा कि फूलों को उनके पेड़ों से नहीं तोड़ों ना ही उन्हें माला में पिराओं। अपने मूलमंत्र में कहा कि अपने आपको प्यार करों व अपने वजूद की इज्जत करो तथा कपट कुशाग्र नहीं बल्कि कुशाग्र बुद्धि होना चाहिए।


समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अपने संदेश में दीदी माँ ने कहा कि गुरु-शिष्य परम्परानुसार गुरुकुलों के अंदर जो श्रेष्ठ पुरुषों का निर्माण हो रहा है। मनुष्य जाति नहीं वरन सभी के लिए श्रेष्ठ मनुष्य का निर्माण गुरु के चरणों में बैठकर ही होता है।
कार्यक्रम के अंत में दीदी माँ ने अपने परमपूज्य गुरुवर के पादुका चरण का संपूर्ण विधिविधान व मंत्रोच्चार से पूजन किया। पूजन के उपरांत उनके समस्त शिष्यों ने अपनी परमपूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा दीप थाल से आरती कर उनके चरण में अपना वंदन कर आशीर्वाद लिया उसके पश्चात कार्यक्रम में पधारे अन्य सभी श्रद्धालुओं ने दीदी माँ के चरण पूजन कर स्नेह व दुलार का आशीर्वचन पाकर अपने आपको परम सौभाग्यशाली माना।

 

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