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एम्स प्रमुख ने कहा, सितंबर तक बच्चों के लिए आ सकती है वैक्सीन

नई दिल्ली,नवसत्ता : दिल्ली एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने आज सुबह बताया कि सितंबर तक बच्चों के लिए वैक्सीन आ सकती है। वहीं बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन परीक्षण चल रहे हैं और नतीजे सितंबर तक जारी होने की उम्मीद है। इससे पहले फाइजर वैक्सीन को एफडीए का अप्रूवल मिल चुका है। उम्मीद है कि सितंबर तक हमें बच्चों का टीकाकरण शुरू कर देना चाहिए। यह कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

वहीं जायडस कैडिला ने 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए अपना परीक्षण समाप्त कर दिया है। भारत में अब तक 42 करोड़ से अधिक लोगों को टीकों की खुराक दी गई है और सरकार का लक्ष्य इस साल के अंत तक सभी युवा वर्ग का टीकाकरण करना है। हालांकि, तीसरी लहर को लेकर चिंता के बीच देश ने अभी तक बच्चों के लिए एक वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है।

दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पत्रिकाओं में से एक, द लैंसेट द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक 11-17 वर्ष के बच्चों के साथ रहने से संक्रमण का खतरा 18-30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। डॉ गुलेरिया ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। कमजोर लोगों, बुजुर्गों या बीमारियों वाले लोगों को संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है (ऐसे मामलों में)। यही कारण है कि लोग बच्चों के स्कूल जाने के बारे में चिंतित हैं।

डॉ. गुलेरिया ने यह भी कहा, ‘आने वाले कुछ हफ्तों में या सितंबर तक बच्चों के लिए टीके उपलब्ध हो जाने चाहिए। फिर हमें चरणों में स्कूल शुरू करना चाहिए जैसा कि 18 से 45 साल की उम्र वालों के लिए कर रहे हैं। इससे बच्चे को अधिक सुरक्षा मिलेगी और जनता में यह भरोसा होगी कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं।’ भारत सरकार दिसंबर माह तक 18 से अधिक उम्र वालों की पूरी आबादी के टीकाकरण के मद्देनजर वैक्सीन खरीदने के लिए कोविड-19 वैक्सीन निर्माताओं मॉडर्ना और फाइजर के साथ चर्चा कर रही है। हालांकि, इसमें देरी हुई है।

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