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पत्रकारों की पेगासस के जरिये जासूसी की पुष्टि, सरकार का इंकार

नई दिल्ली,नवसत्ताः इजरायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा 40 स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था। उधर केन्द्र सरकार ने ऐसी खबरों का खण्डन किया है।
मीडिया संस्थानों द्वारा दुनिया भर में हजारों फोन नंबरों- जिन्हें इजरायली कंपनी के विभिन्न सरकारी ग्राहकों द्वारा जासूसी के लिए चुना गया था, के रिकॉर्ड्स की समीक्षा के अनुसार, 2017 और 2019 के बीच एक अज्ञात भारतीय एजेंसी ने निगरानी रखने के लिए 40 से अधिक भारतीय पत्रकारों को चुना था। लीक किया हुआ डेटा दिखाता है कि भारत में इस संभावित हैकिंग के निशाने पर बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकारों के नाम है।
इस बीच गार्जियन अखबार में देश में इजरायली कंपनी पेगासस के जरिए निगरानी करने और सर्विलेंस करने की खबर का भारत सरकार ने खंडन किया है। सरकार ने विस्तार से दिए गए जवाब में सिलसिलेवार तरीके से अखबार में छापी गई कहानी को तथ्यहीन बताया है।

सरकार ने जवाब में कहा, भारत एक मजबूत लोकतंत्र है. जो अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, इसने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को भी पेश किया है, ताकि व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की रक्षा की जा सके और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया जा सके।

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