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खेतों में पड़ने वाली दवा से नहीं,बेइमान कर्मचारियों की करतूत से मर रही हैं पक्षी विहार की मछलियां,नाले व खेतो के गंदे पानी से मछलियों का मरना खड़ा कर रहा है कई सवाल

अनुभव शुक्ला

सलोन रायबरेली,नवसत्ता: समसपुर पक्षीविहार में मछलियों का मरना रहस्य बना हुआ है।एक तरफ आसपास के ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि इन्हें दवा डालकर वहीं के कर्मचारी मार रहे हैं तो दूसरी तरफ क्षेत्रीय वन अधिकारी कुछ और ही राग अलाप रहे है।

जनपद का एक मात्र प्रसिद्ध पर्यटन स्थल समसपुर पक्षी विहार कि झील तकरीबन 800 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैली है।जिसका सौन्दर्य देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। लगभग एक सप्ताह से समसपुर पक्षी विहार की झील में अचानक मछलियों का मरना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।दरअसल नवसत्ता हिन्दी दैनिक अखबार के संवाददाता जब इस मामले कि सच्चाई जानने मौके पर पहुंचे तो वहां पर उपस्थित आसपास के ग्रामीणों का बयान बेहद चौंकाने वाला सामने आया है।वहां के कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि समसपुर पक्षी विहार की झील में आधी रात को दवा डाल दी जाती है।

दवा डालने से मछलियां पानी की सतह पर आ जाती हैं। सुबह से ही मछलियों को वाहन पर लादकर बाहर के लिए भेज दिया जाता है।इसमे समसपुर पक्षी विहार में कार्यरत जिम्मेदारों के संलिप्तता की भी बात कही।हालांकि मौके पर सैकड़ों की संख्या में शिकारी झील में उतर कर मछलियों का शिकार भी कर रहे थे जिसे कैमरे में कैद कर लिया गया। एक जुलाई के अंक में जब यह खबर हिंदी दैनिक अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में विभिन्न अखबारों में तरह-तरह की खबरें के ग्रामीणों के द्वारा दिए गए बयान के खंडन में छापी गईं। वहीं जो बयान समसपुर पक्षी विहार में कार्यरत जिम्मेदारों द्वारा दिया जा रहा है वह सारे तथ्य क्षेत्रीय लोगों के गले से नहीं उतर रहे हैं। उन तर्को का आधार ही नहीं बन रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि बगल में बसे गांव बिशैया व गोडवा हसनपुर से नाले का गंदा पानी आने की वजह से मछलियां मर रही हैं। दूसरा तर्क यह देते हैं कि आसपास स्थित खेतों में धान की रोपाई के दौरान डाली गई खरपतवार नाशक दवाओं के वजह से झील में मछलियां मर रही हैं। हालांकि इससे पहले भी नाले का पानी झील में ही गिर रहा था। लगभग एक माह पूर्व से वर्षा भी हो रही है। सिर्फ एक ही सप्ताह से क्यूं झील में मछलियां मर रही हैं ? सुबह भोर में ही क्यूं मरी मछलियां झील में तैरती मिलती हैं। दिन में क्यूं नहीं ? यदि दूसरे तर्क को देखा जाए जिसमे प्रचारित किया गया कि धान की रोपाई में खरपतवार नाशक दवाओं के पड़ने पर उस खेत का पानी झील में आने से मछलियां मर रही हैं।तो यह तर्क भी आधारहीन इसलिए है क्यूंकी अभी उतनी बारिश नहीं हुई है जिससे कि झील और खेत का पानी एक हो सके।मौकै पर किसान अपने खेतों में मेड़ बांधकर धानों कि रोपाई कर रहे हैं जिससे झील में खेतों का पानी आने का सवाल ही नही उठता ! कृषि जानकार भी नाम ना छापने कि शर्त पर बताते हैं कि यदि खेतों में पड़ी खरपतवार नाशक दवाओं से युक्त पानी झील में सम्मलित भी हो जाता है तो भी हजारों कि संख्या में मछलियों का मरना असम्भव है।वह कहते हैं झील के अथाह पानी में खरपतवार नाशक दवाओं का इस तरह दुष्प्रभाव असंभव है।अधिक पानी में खरपतवार नाशक दवाओं का प्रभाव कम हो जाता है। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटनस्थल समसपुर पक्षी विहार में लगभग एक सप्ताह से मछलियां क्यों मर रही हैं। इसको लेकर आज भी संशय बना हुआ है।उधर दूसरी तरफ जिम्मेदार लोग आधारहीन तथ्य देकर इस मामले को क्यों दबाना चाहते हैं।ज़िम्मेदारों द्वारा दिए जा रहे तर्क क्षेत्रीय लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं।

मामले में बयान देने से खफा हो ग्रामीण को कार्यरत सिपाही ने पीटा

समसपुर पक्षी विहार के समीप स्थित गांव पूरे गोसाई निवासी फूल राज ने बताया कि बुधवार को कुछ पत्रकार मामले को कवरेज कर रहे थे।पत्रकारों के पूछने पर कैमरे के सामने समसपुर पक्षी विहार में कार्यरत सहायक क्षेत्रीय सिपाही बंटी सिंह के कारनामों की पोल जब खोल दिया तो मीडिया में चल रही खबरों से गुस्सा होकर हमारे खेत में आकर काम कर रही हमारी पत्नी बहन और भाई को बेरहमी से पीटा।बीच-बचाव करने में हमें भी पीटा गया। पीड़ित ने इस मामले को लेकर कोतवाली सलोन में तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है।

ग्रामीणों का आरोप निराधार,मछली पकड़ने से मना करने पर लगा रहे मिथ्या आरोप-रेंजर
वही जब इस बाबत क्षेत्रीय वन अधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि झील के आसपास बसे गांव के ग्रामीण अनर्गल तरीके से झील में मछलियों का शिकार करते हैं।इसका कर्मचारियों द्वारा विरोध करने पर तरह-तरह के मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं। मामले को व्यर्थ में तूल दे हमारे स्टाफ को ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है।झील में नाले का गंदा पानी आने की वजह से मछलियां मर रही है ।

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