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डॉक्टर्स डे विशेष:जानिए अपने डॉक्टर के अनसुने किस्से,मिलिए सीएचसी शिवगढ़ की चिकित्सक डॉक्टर सुनीता से

अमित श्रीवास्तव

पेशेंट का इलाज करते समय उसके साथ बहुत ही प्यार से पेश आयें, यदि हम पेशेंट की बात को ठीक से सुने और उसे प्यार से समझाएं तो पेशेंट की रिकवरी बहुत शीघ्र होती है…

रायबरेली,नवसत्ता:डॉक्टर्स डे की विशेष श्रृंखला में आज हम आपको मिलवातें हैं , सी एच सी शिवगढ़ में तैनात डॉ सुनीता से जब डॉक्टर सुनीता से पूछा कि इस प्रोफेशन में आने के पीछे आप किसका हाथ मानती हैं? तब उन्होंने कहा कि वैसे तो मेरे परिवार के अन्य सभी लोग लोग प्रशासनिक सेवाओं में हैं, और मेरी भी इच्छा प्रशासनिक सेवा में जाने की थी, स्वयं मेरे पिताजी सन 1995 में रायबरेली जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे हैं। परंतु कुछ ऐसा संयोग बना की मुझे चिकित्सा क्षेत्र प्राप्त हुआ। पहले तो हमारी रुचि इस क्षेत्र में नहीं थी परंतु बाद में इस क्षेत्र आने के बाद लोगों की सेवा करके बहुत अच्छा महसूस होने लगा । सदैव मेरी यही कोशिश रहती है कि मेरे पास से कोई भी मरीज निराश होकर ना जाए। इंटर्नशिप के दौरान एक अविस्मरणीय घटना के बारे में बताते हुए डॉ सुनीता कहती हैं, कि जब मैं और मेरे साथी एक मेरे सीनियर डॉक्टर के अंडर में इंटर्नशिप करने के लिए पहले दिन गई तो उन्होंने बहुत ही स्पष्ट रूप से हमें कहा कि आप लोगों को यदि मेरे अंडर में इंटर्नशिप करनी है तो, समय का विशेष ध्यान रखना होगा पूरी पाबंदी से आपको काम करना होगा उसके अलावा जो भी कार्य दिया जाएगा उसको समय से पूरा करना होगा यदि आप ऐसा नहीं कर सकते, तो आप किसी डॉक्टर के अंडर में इंटर्नशिप कर सकते हैं । डॉ सुनीता कहती हैं कि अपने सीनियर डॉक्टर की उस बात को मैंने पूरी ईमानदारी से अपने जीवन में अपनाया और जिसका परिणाम बहुत ही अच्छा रहा । कभी कोई प्रॉब्लम हो जाय तो अलग बात है अन्यथा मैं सदैव अपने समय की पाबंदी विशेष ध्यान रखती हूं, लोग आज भी मुझे देख कर कहते हैं कि डॉक्टर साहब को देखकर आप टाइम भी मिला सकते हैं। यह मेरे जीवन की बहुत बड़ी सीख है। और हमेशा उन डॉक्टर साहब को याद करती हूं, जिन्होंने समय की पाबंदी की यह सीख दी । डॉ सुनीता कहती हैं की प्रोफेशन के दौरान रोज कुछ ना कुछ नया होता रहता है परंतु मैं यह मानती हूं की किसी भी पेशेंट का इलाज करते समय उसके साथ बहुत ही प्यार से पेश आयें, यदि हम पेशेंट की बात को ठीक से सुने और उसे प्यार से समझाएं तो पेशेंट की रिकवरी बहुत शीघ्र होती है , और बहुत अच्छे से होती है। कोरोना काल के अनुभव के बारे में बताते हुए डॉ सुनीता कहती हैं कि यह अत्यंत कठिन समय रहा है हम सभी के लिए डॉक्टर्स के लिए और सभी के लिए, मास्क लगाते लगाते कभी-कभी घुटन सी महसूस होने लगती है। परंतु जीवन रक्षा के लिए यह आवश्यक है की सरकार द्वारा जो भी कोविड-19 गाइड लाइन बताई गई हैं उन सभी का ईमानदारी के साथ पालन किया जाए और वैक्सीन भी लगवाएं।

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