Navsatta
Doctor's Day Specialखास खबर

डॉक्टर डे विशेष, मिलिए सीएचसी वृंदावन की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. स्वाति जाडिया से

राजेन्द्र पाण्डेय

नौकरी के कुछ ही महीने बाद कोरोना महामारी ने पैर पसार लिया था। हर व्यक्ति डरा व सहमा हुआ अपने घर में कैद हो गया था और एक दूसरे से दूरियां बना ली थीं। हम जिस कॉलोनी में रहते हैं वहां पर मेरी बिटिया अपने घर में अकेली गुमसुम व कैद होकर रह गई थी कोई उससे बात व खेलना पसंद नहीं करता था क्योंकि उसकी मां कोरोना मरीजों की चिकित्सा सेवा कर रही थी….

वृंदावन,नवसत्ता : मध्यप्रदेश के छतरपुर में पली व बढ़ी डॉ. स्वाति जाडिया को सेवाभाव व देखभाल करने की प्रवृति उनके माता-पिता ने बचपन से दी थी जो आज तक उनके मन मष्तिक में काबिज है इसलिए आज भी अपने कार्यक्षेत्र में सेवा करने भाव कायम रखा है। अतीत में झांकते हुए उन्होंने बताया कि बचपन से लेकर 10वीं व 12वीं तक की पढ़ाई माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से उत्तीर्ण की। सेवाभाव परमधर्म के मूलमंत्र को अपने जीवन का उद्देश्य मान लिया था इसी उद्देश्य से वर्ष 1999 में नेपालगंज मेडीकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। सन् 2006 में उनकी शादी प्रयागराज में हुई।

डॉक्टर स्वाति सन् 2012 में मेडीकल ऑफीसर बनीं और अक्टूबर 2019 में श्री बांकेबिहारी व श्रीराधारानी की रमणनीय स्थली वृंदावन में सीएचसी वृंदावन चिकित्सा अधीक्षक के रूप में पदभार संभाला। डॉ. स्वाति आगे बताती हैं कि उनके पति भी चिकित्सा में अपनी सेवा दे रहे हैं। वे लखनऊ में इसी क्षेत्र में महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ हैं। डॉ. स्वाति ने बताया कि वृंदावन में पदस्थ होने के कुछ ही महीने बाद हमारे देश में कोरोना जैसी महामारी ने अपने पैर पसार लिए और इस महामारी से अपने क्षेत्र में चिकित्सकीय सेवा देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। हमारे निर्भिक कार्य व सभी की मन से सेवा करने का भाव के कारण हमारे सीएससी केन्द्र को कोरोना के पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए एलएम.1 बनाया और उन्हें उसका इंचार्ज बनाया गया। उन्होंने बताया कि इस महामारी में सभी की सेवा करने का पाठ उन्हें बचपन से मिला है और वह आज भी कायम है। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष हमारे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया। इस चुनौती से निपटने के लिए हमारा सीएचसी वृंदावन चिकित्सा केन्द्र ने भरपूर सेवा की है जिसमें वे स्वयं व उनके साथ चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि गुप्ता, डॉ. अमित कश्यप व डॉ. सात्विक ने सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उसी का परिणाम है कि हमारे केन्द्र 50 बिस्तर का कोविड अस्पताल बना। डॉ. स्वाति बताती हैं कि दूसरी लहर के समय मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी होने लगी थी लेकिन उनका केन्द्र ऐसा है जिसमें ऑक्सीजन प्लांट लग गया है और अब मरीजों को ऑक्सीजन की किल्लत कभी भी नहीं हो सकती। डॉ. स्वाति ने बताया कि वह डॉक्टर होने के साथ-साथ एक ब’ची की मां व पत्नी भी हैं। जब महामारी ने अपने पैर फैलाए तब हर व्यक्ति डरा व सहमा हुआ अपने घर में कैद हो गया था और एक दूसरे से दूरियां बना लीं। मैं जब कोरोना महामारी में मरीजों की सेवा कर रही थी उस समय हम जिस कॉलोनी में रहते वहां पर मेरी बिटिया अपने घर में अकेली गुमसुम व कैद होकर रह गई थी कोई उससे बात व खेलना पसंद नहीं करता था क्योंकि उसकी मां कोरोना मरीजों की चिकित्सा सेवा कर रही थी। मैं स्वयं अपनी बेटी को कभी-कभी अपने केन्द्र पर ले आती थी ताकि उसका मनोबल भी मेरी तरह मजबूत हो जाए। डॉ. स्वाति ने बताया कि आज भी उनके केन्द्र पर आरटीपीसीआर व एंटीजन टेस्ट होते हैं। तथा साथ ही टीकाकरण अभियान में हमारा केन्द्र बढ़चढ़ कर टीकाकरण कर रहा है। उन्होंने बताया कि यहां पर प्रसूति केन्द्र भी है जहां नार्मल डिलीवरी भी होती है।

डॉ. स्वाति ने अपने संदेश में सभी से अपील की है कि सरकारी चिकित्सा विभाग खासकर डॉक्टर्स व स्टाफ पर भरोसा रखें। हम सभी आत्मीय जुड़ाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचना है, डरना नहीं है। सभी को टीकाकरण करवाना चाहिए व वायरस से बचाव के सभी जरूरी कदम उठाना चाहिए।

संबंधित पोस्ट

खुशखबरीःबिहार से नेपाल सीधी ट्रेन सेवा जल्द ही होगी शुरु,जानें रूट व अन्य जानकारी

navsatta

रुला गया सिंगर केके का जाना……..

navsatta

पत्रकारों के लिए यूपी के ‘सोनू सूद’ बने मुकेश बहादुर सिंह

navsatta

Leave a Comment