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Doctor's Day Specialखास खबर

पीएचसी देहली (शिवगढ़) की डॉक्टर पूनम शर्मा (आयूष)

अमित श्रीवास्तव

रायबरेली नवसत्ता:डॉक्टर्स डे स्पेशल की विशेष श्रृंखला में आज हम आपको मिलवाते हैं पीएचसी देहली (शिवगढ़) की डॉक्टर पूनम शर्मा (आयूष) से, जिन्होंने निसंतानता के क्षेत्र में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के द्वारा विशेष सफलताएं प्राप्त की हैं।उन्होंने होम्योपैथिक इलाज के ज़रिए बहुत से लोगों की सूनी गोद को भरा है। डॉक्टर पूनम बताती हैं, मेरे पिताजी भी मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े थे और वेटरिनरी फार्मासिस्ट थे। मेरे पिता ही मेरे लिए मुख्य रूप से मेरी प्रेरणा के स्रोत रहे। मैं खुद भी बचपन से ही डॉक्टर बनने की इच्छा रखती थी। यही वजह रही कि मैंने इस प्रोफेशनन को चुना।डॉक्टर पूनम कहती हैं, उनके परिवार और आसपास का माहौल ही कुछ ऐसा था जिसके कारण भी उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिलती रही।
डॉ पूनम मेडिकल की पढ़ाई के दौरान की एक घटना का जिक्र करते हुए बताती हैं, इंटर्नशिप के दौरान कानुपर के एक अस्पताल में डयूटी पर थी और छुट्टी का टाइम हो रहा था। तभी चार से पांच लोग एक वृद्ध महिला को लेकर अस्पताल आये। दादी की हालत अच्छी नहीं थी। उनके परिवार वाले भी बिल्कुल नाउम्मीदी के साथ आये हुए थे। ऐसा लग रहा था कि वह अब बहुत अधिक देर तक जीवित नहीं नहीं बच पाएंगी। डॉ पूनम बताती हैं कि मैं और मेरी कलीग डॉ सुनीता ने उन्हें एडमिट किया और केस हिस्ट्री के अनुसार डाइग्नोसिस करने के बाद इलाज शुरू किया। धीरे धीरे चमत्कार होने लगा,वृद्ध महिला जिन्होंने कई दिनों से आंखे नहीं खोली थी, उन्होंने आँखे खोली और सात से आठ दिन में वो ठीक होकर डिस्चार्ज कर दी गई। इन सात आठ दिनों में वृद्धा को मेरी आदत पड़ चुकी थी और मैं उनकी बेटी बन गई थी। क्योंकि वो मुझे बेटी पूनम कह कर बुलाया करती थी, मेरा भी वृद्धा से बहुत लगाव हो गया था, डॉ पूनम कहती हैं मैं आज भी स्वाभाविक रूप से मरीजों के साथ भावनात्मक लगाव रखने लगती हूँ। डॉ पूनम ने बताया कि अस्पताल से जाने के बाद भी वर्षों तक वह वृद्ध महिला मुझसे मिलने आती रही। डॉक्टर पूनम इन दिनों मुख्य रूप से निःसंतानता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, और दिन प्रतिदिन सफलता की बुलंदियों को अर्जित कर रहीं हैं।
जिसका एक उदाहरण देते हुए डॉ पूनम ने अपने एक केस के बारे में बताया, एक दंपत्ति को पिछले 23 वर्षों से कोई संतान नहीं हुई थी,मेरे द्वारा इलाज़ करने के बाद अभी चार दिन पहले ही उन दंपत्ति को बड़े ऑपरेशन के द्वारा संतान की प्राप्ति हुई है। ऐसे ही सैकड़ों की संख्या में दंपत्ति हैं जिन्होंने डॉ पूनम के होम्योपैथिक इलाज के द्वारा अपने सूने आंगन को किलकारियों से भरा है। डॉ पूनम कहती हैं, मेरा मानना है कि होम्योपैथी के द्वारा सब कुछ संभव है। कोरोना काल के अनुभव के बारे में डॉ पूनम कहती हैं कि यह सभी के लिए अत्यंत कठिन समय रहा।साझा प्रयासों के द्वारा इस कठिन काल की लड़ाई को बहादुरी समझदारी और जागरूकता पूर्वक लड़ी गई।
डॉ पूनम मौजूदा कोरोना काल के संदर्भ में संदेश देते हुए कहती हैं, कोविड का खतरा कम हुआ है पर अभी इसे समाप्त हुआ नहीं समझा जाना चाहिए, और बिना किसी लापरवाही के कोविड नियमों का पालन करना चाहिए और वैक्सीन भी लगवानी चाहिए।

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