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डॉक्टर्स डे विशेष: मिलिए नगर के प्रतिष्ठित, गोल्ड मेडलिस्ट, समर्थ नर्सिंग एवं मेटर्निटी होम के संस्थापक डॉ एस.के. मुसद्दी से

कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी लगातार काम करते रहे। डॉ एस.के. मुसद्दी अपना अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि उस वक्त उनके हॉस्पिटल में आने वाले प्रत्येक मरीज की घबराहट का वर्णन नहीं किया जा सकता। वे इस बात को लेकर डरे सहमे होते थे कि कहीं उनमें कोरोना पॉजिटिव के लक्षण तो नहीं…

मिर्जापुर,नवसत्ता: नगर के प्रतिष्ठित, गोल्ड मेडलिस्ट एवं समर्थ नर्सिंग एवं मेटर्निटी होम के संस्थापक डॉ एस.के. मुसद्दी जिन्होंने मरीजों की सेवा को अपना कर्तव्य मानते हुए कोरोना संक्रमित होने के बावजूद दूरभाष के जरिए मरीजों का नि:शुल्क उपचार जारी रखा। कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौर का अनुभव साझा करते हुए डॉ. मुसद्दी ने बताया कि उस वक्त उनके हॉस्पिटल में आने वाले प्रत्येक मरीज की घबराहट का वर्णन नहीं किया जा सकता।

विशेषकर वे इस बात को लेकर डरे सहमे होते थे कि कहीं उनमें कोरोना पॉजिटिव के लक्षण तो नहीं, किंतु उन्हें स्वास्थ्य लाभ का भरोसा दिलाते हुए सावधानीपूर्वक फेस शील्ड एवं कोरोना किट पहनकर फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए क्षमता से अधिक मरीजों का इलाज करता रहा। इस दौरान गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करता रहा। इसी बीच न सिर्फ खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए, अपितु उनकी पत्नी एवं जिले की प्रख्यात महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रेणुका मुसद्दी तथा डॉक्टर बेटा व बेटी के अलावा उनकी मां तथा कोलकाता निवासी उनकी बहन जीजा एवं बुआ भी कोरोना की चपेट में आ गए थे।

डॉक्टर मुसद्दी के अनुसार इन सबके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, अपितु बहादुर योद्धा की तरह अपने को क्वारंटाइन करते हुए ना सिर्फ रिश्तेदारों एवं परिजनों का अपितु तमाम मरीजों का भी दूरभाष के जरिए मुफ्त इलाज करते रहे। इस दौरान स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके मरीजों अथवा उनके परिजनों ने पेटीएम या अन्य माध्यम से फीस की धनराशि का भुगतान करना चाहा, किंतु उन्हें ऐसा करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि क्वारंटाइन अवधि में उन्होंने सेवा भावना से लोगों का उपचार किया है और मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं हो सकता। डॉक्टर मुसद्दी के अनुसार उन्होंने प्रयागराज के एमएल एन से एमबीबीएस एवं एमडी की डिग्री हासिल की है तथा जान हापकिंस यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन हासिल किया है। उनकी योग्यता, कुशल चिकित्सा एवं सेवा भावना के चलते उन्हें गोल्ड मेडल की उपाधि दी गई है।

फिलहाल पिछले 25 वर्षों से मेडिकल प्रैक्टिस से जुड़े डॉक्टर एसके मुसद्दी एवं उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर रेणुका मुसद्दी ने चिकित्सा क्षेत्र में विशेष मुकाम हासिल किया है। यहां आकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके मरीजों में तमाम आईएएस, आईपीएस, न्यायिक अधिकारी, मीडिया कर्मी, व्यवसाई तथा अनेकों मजदूर वर्ग भी शामिल हैं, जो जिले से स्थानांतरित होने के बावजूद दूरभाष के जरिए बातचीत कर स्वास्थ्य लाभ हासिल करते रहते हैं।

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