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विश्वविद्यालय डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दें: राज्यपाल

लखनऊ, नवसत्ता : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने महिला अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिये महिला उद्यमिता विकास, स्वास्थ्य एवं पोषण, गर्भ संस्कार, महिला उत्पीडऩ जैसे कार्यक्रमों को प्राथमिकता से संचालित करें ताकि महिलायें जागरूक हो तथा आत्मनिर्भर बनें।
ये निर्देश श्रीमती पटेल ने आज राजभवन से ऑनलाइन छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर तथा वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की समीक्षा बैठक के दौरान कुलपतियों को दिये। उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम विश्वविद्यालय आंगनबाड़ी तथा आशा बहुओं के साथ मिलकर विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में चलाये जाय, जिसमें नव निर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों को भी शामिल करें ताकि उन्हें भी ग्रामीण क्षेत्रों के लिये सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हो सकें। राज्यपाल ने कहा कि महिला ग्राम प्रधानों को आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक विद्यालयों तथा क्षयरोग के निवारण हेतु सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी दें ताकि वे ग्राम सभा में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण तथा क्षयरोग जैसी बीमारियों के निवारण में अपना सक्रिय सहयोग दे सकें।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप अभी समाप्त नहीं हुआ है इसकी तीसरी लहर आने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है जो कि बच्चों के लिये खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसी दशा में विश्वविद्यालय महामारी से बचाव के लिये जागरूकता एवं कोरोना टीकाकरण के लिये विश्वविद्यालय के एन.सी.सी तथा एन.एस.एस के माध्यम से ग्राम प्रधानों तथा ग्रामीण महिलाओं को भी जागरूक करें उन्हें टीकाकरण के साथ-साथ बचाव के एहतियाती उपायों की भी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि उचित होगा कि इसके साथ-साथ महिलाओं को विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से भी अवगत कराया जाय तथा विश्वविद्यालय अपनी छात्राओं को नारी बंदी निकेतन, चिकित्सालयों आदि का भी भ्रमण करायें ताकि छात्रायें बंदी महिलाओं से सजा के कारण से भिज्ञ हो सकें भविष्य में होने वाले अपराधों से बच सके।
श्रीमती पटेल ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि लम्बे समय से लम्बित महालेखाकार की ऑडिट आपत्तियों का शीर्ष प्राथमिक से निस्तारित करें साथ ही लम्बित डिग्री, प्रमाण पत्रों को यथा शीघ्र छात्रों के पतों पर भेजना सुनिश्चित करें उन्होंने कहा कि छात्रों को डिग्री के लिये अनावश्यक विश्वविद्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े। उचित होगा कि डिग्रीयों का डिजिटाइजेशन कर दिया जाय।
उन्होंने कहा कि उत्तम शिक्षा के लिये नियुक्ति में पारदर्शिता अत्यंत जरूरी है अत: नियमित तथा संविदा एवं गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति में पूर्ण पारदर्शिता बरती जायें तथा रिक्त पदों पर भर्ती हेतु शीघ्र अति शीघ्र विज्ञापन प्रकाशित करायें जाय तथा शैक्षिणक सत्र को नियमित एवं सुचारू रूप से चलाने हेतु एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर समय सारणी जारी करें साथ ही नयी शिक्षा नीति को भी विश्वविद्यालय में लागू करें। राज्यपाल ने आगामी योग दिवस एवं वृक्षारोपण महाभियान के लिये कार्य योजना बनाकर राजभवन को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान कुलाधिपति ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा दी गयी जानकारी से संतुष्ट नहीं हुईं तथा नाराजगी प्रकट करते हुये विश्वविद्यालय की बिन्दुवार विस्तृत रिपोर्ट पुन: प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी डा0 पंकज जानी, विश्वविद्यालय के कुलपतिगण एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
एक अन्य कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने श्रीमती सीमा त्रिपाठी द्वारा रचित पुस्तक “अनकही अभिव्यक्ति” का विमोचन भी किया।

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