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2 साल से बिक्री नहीं और ऊपर से हालमार्क कर दिया जरूरी

राय अभिषेक

2 साल में लगभग 150 करोड़ के व्यापार पर पडा असर

 जिले में हालमार्क सेंटर नहीं, लखनऊ प्रयागराज पर निर्भरता

 सरकार को रेवेन्यू चाहिए या फिर कॉर्पोरेट जगत के हाथो में जा रहा व्यापार

नवसत्ता, रायबरेली: जून में प्रदेश सरकार कोरोना कर्फ्यू में सशर्त ढील देने की तैयारी कर रही है और प्रदेश के कई जिलो में बाज़ार भी खुल जायेंगे| व्यापर जगत राम भरोसे धीरे धीरे लेकिन फिर से पटरी पर आने की शुरुआत करेगा लेकिन सुनार, केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये हॉलमार्क आभूषण बेचने के कड़े नियमो के कानून को लेकर परेशान है| गौरतलब है कि आगामी 15 जून 2021 से सोने चांदी के आभूषण पर हॉलमार्क होना जरूरी हो जायेगा और नियम न मानने वाले व्यापारियों के विरुद्ध जेल जाने से लेकर लाइसेंस रद्द होने तक की सख्त कार्यवाही का प्रावधान है|

एक तरफ देखा जाये तो इस कानून के 18, 20 और 22 कैरट के आभूषणों पर प्रभावी होने से गुणवत्ता की गारंटी हो जाएगी और मिलावटी आभूषणों की बिक्री पर लगाम लगेगी परन्तु बिना किसी तैयारी के अचानक कानून लागू कर देना कहाँ तक लाज़मी है, ये जानने के लिए हमने जिले के सोने चांदी के व्यापार पर अध्यन किया तो जिले के सुनार लगभग 100 करोड़ रुपये का सालाना व्यापर कर लेते है| रायबरेली जिले में लगभग 300 छोटे बड़े व्यापारी है, जिसमे शहर में ही 200 के आसपास दुकाने है| अगर हालमार्क कानून लागू होता है तो जिले के सुनारों के लिए सबसे बड़ी समस्या है स्थानीय हालमार्क सेंटर का न होना जिसकी वजह से उन्हें अपने आभूषणों को पहले लखनऊ या प्रयागराज ले जाकर सत्यापित कराना होगा और फिर दुकान से बेच सकेंगे|

दूसरी तरफ कयास ये भी लगाये जा रहे है कि सरकार इस व्यवस्था को लागू करके सुनारों को उनके पैतृक व्यापार को छोड़ने पर मजबूर किया जायेगा और ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए कॉर्पोरेट जगत को लाइसेंस देकर उन्हें देश के हर छोटे बड़े शहरो में अपने आउटलेट खोलने की इजाज़त मिल जाएगी| वैसे पहले से ही टाटा, रिलायंस आदि जैसे दिग्गज इस व्यापर में उतर चुके है परन्तु ग्राहकों की कुल संख्या सोने चांदी के असंगठित व्यापार के पास ज्यादा है|

 

सरकार को अभी बहुत बदलाव करने पड़ेंगे और तुरंत कानून लागू करना संभव नहीं: पुष्पेन्द्र गुप्ता

 

 इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के निदेशक पुरुषोत्तम गुप्ता का कहना है कि यह कानून गुणवत्ता की गारंटी के लिए महत्वपूर्ण है और असंगठित व्यापर को संगठित करने के लिए सही कदम है| परन्तु अभी इसमें बहुत बदलाव की जरूरत है क्यूंकि इस कानून के प्रावधान हमारे व्यापारियों के हित में नहीं है| जिले में हालमार्क केंद्र की व्यवस्था सरकार ने नहीं कराई है अतः हमें दूसरे शहरो पर निर्भर रहना पड़ेगा| दूसरी बात ग्राहक रेडीमेड ज्वेलेरी में अपने हिसाब से बदलाव नहीं कर पायेगा| कागज़ी कार्यवाही करने के लिए बहुत ज्यादा संख्या में ज्वेलर्स अभी असक्षम है जिनको सिखाने में काफी समय लगेगा| हमने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी है जिसके आधार पर कानून में और लागू करने के समय में बदलाव लाना ही पड़ेगा|

 क्या है इंडियन बुलियन एंड जेव्लेर्स एसोसिएशन की प्रमुख मांगे:

1-    अनिवार्य हॉलमार्किंग को कम से कम 1 साल आगे बढ़ाया जाय और जब तक हॉलमार्किंग सेंटर पर्याप्त न हो, तब तक इसे  लागू न किया जाये।

2-    यूआईडी को लागू न किया जाये।

3-    हॉलमार्किंग सेंटर की जवाबदारी तय की जाये।

4-    सभी जॉब वर्कर को इससे छूट दी जाये।

5-    पेनल्टी और जेल के प्रावधान खतम किए जाये।

6-    हॉलमार्क सभी पर एक समान लागू हो|

7-    लाइसेंस की परिभाषा को खत्म कर के रजिस्ट्रेशन का उपयोग किया जाये।

8-    दुकान लाइसेंस रद्द करने की धाराओं को वापस लिया जाये।

9-    पुरानी और जड़ाउ ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग कानून न लागू किया जाये।

10- बिजनेस सुचारू रूप से चले, इसका खास ध्यान रखा जाये।

क्या पड़ेगा ग्राहक और समाज पर असर:

इस कानून के लागू होने के बाद ग्राहकों की जेब पर भी भारी असर पड़ेगा, अभी तक ग्राहक को आभूषण के वजन, रत्नों के दाम के साथ साथ बनवाई देनी पड़ती थी वही अब हॉलमार्क चार्जेस अलग से लगेंगे और जो टैक्स लगता है वो अलग| एक हालमार्क आभूषण के किसी भाग को दूसरे आभूषण में नहीं लगवाया जा सकेगा|

वही ग्रामीण क्षेत्रो के सुनारों पर सबसे ज्यादा गाज गिरेगी क्यूंकि ग्रामीण क्षेत्रो के व्यापारियों के पास अक्सर ऐसे ग्राहक होते है जो शादी ब्याह पर गहने बनवा लेते है और फसल या दूसरी कमाई के होने पर धीरे धीरे उसे चुकाते है| ये व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगी| ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रो की दुकाने हॉलमार्क कानून के डर से बंद होने की उम्मीद है और चूँकि वे यह काम अपने घर से भी कर सकते है तो कालाबाजारी पर नियंत्रण लगाने की बात सिर्फ कागजों में रह जाएगी|

 

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