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विचार

कोरोना की तेज रफ्तार, विदेशी मूल के लोग भारत आने से कतरा रहे हैं!

संजीव ठाकुर

भारत में स्वतंत्रता के बाद अपने पर्यटन स्थलों को सजा और सवार कर दर्शनीय बना दिया था।और विदेशी पर्यटकों को सस्ते में पर्यटन सुविधा का लाभ भी दिया।इसी दौरान 2000 के दशक के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय बनाकर और रहने, ठहरने की फाइव स्टार सुविधा प्रदान कर विदेशियों को भारत में स्वास्थ्य लाभ करने की सुविधा के लिए आकर्षित किया था। पर अब कोविड-19 की भयानक संक्रमण लहर ने पिछले एक साल से पर्यटक तथा विदेशियों को भारत आने का विकर्षण पैदा हो गया है। भारत में अब या तो राजनयिक आ रहे हैं या राजनीतिक दलों के दौरान राष्ट्र प्रमुख भी यदा-कदा आते हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर ने पूरे विश्व में भारत के प्रति दहशत फैला दी है।
भारत में तो यह दहशत है ही, साथ ही भारत ने अपनी विदेशी उड़ाने काफी हद तक सीमित कर दी है।वही विदेशी मूल के लोग पर्यटन तथा इलाज के लिए आने से घबराकर कतरा रहे हैं, पहले भारत अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत वैश्विक स्तर पर अपनी बनाई हुई वैक्सीन अन्य देशों को भेज रहा था, पर अब कोविड-19 की नई लहर के दौरान भारत में रोजाना दो लाख से ऊपर संक्रमित पाए जाने से भारत को ही वैक्सीन से ही इलाज पर निर्भर होना पड़ा है। ऐसे में भारत में वैक्सीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पुणे की संस्थान वैक्सीन बनाने के लिए कच्चे माल के अभाव के कारण उनका उत्पादन कम हो गया है, एवं वहां के पदाधिकारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कच्चा माल भेजने की अपील भी की है, पर जो बाइडेन सरकार ने अब तक इसका सकारात्मक जवाब नहीं दिया,जो भारत के लिए बहुत चिंता का विषय गया है।121 करोड़ आबादी वाले भारत को दो बार वेक्सीन लगाने के लिए वैक्सीन की बहुत कमी महसूस होने लगी है। वैसे तो भारत में जीवन रक्षक औषधि रेमडेसीविर और ऑक्सीजन सिलेंडर की भयानक कमी महसूस हो रही है, अब भारत में रूस की स्पूतनिक वैक्सीन को हिंदुस्तानियों के लिए उपयोग हेतु स्वीकृति दे दी है, जिसका आयात होना भी शुरू हो गया है,जिससे वैक्सीन की कमी हद तक पूरी हो सकती है। ऐसे समय में अमेरिका ने अपने देशवासियों को भारत ना जाने की गंभीर सलाह दी है।और जिनको बहुत जरूरी है भारत आना उन्हें कोविड-19 के दिशानिर्देशों के कड़े पालन के निर्देश दिए गए हैं, ब्रिटेन ने भारत से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।भारत से ब्रिटेन सिर्फ आइरिश और ब्रिटिश लोग ही ब्रिटेन लौट सकते हैं, वहीं न्यूजीलैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य देश भी खाडी के देशों के साथ के पर्यटकों ने भी भारत आने से हाथ ऊपर खड़े कर दिए, ऐसे में भारत का पर्यटन उद्योग आर्थिक रूप से एकदम कमजोर हो गया है। भारत में भी आर्थिक स्तर काफी नीचे के सूचकांक में पहुंच चुका है, भारत आर्थिक तथा स्वास्थ्य गत रूप से दो तरफा मार खेल रहा है। भारत में मृत्यु दर भी काफी ऊँची होकर खतरे की सूचना देने लगी है, आमजन कोविड-19 की नई लहर के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित होकर आवश्यक जीवन रक्षक औषधि वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की मार झेल रहा है, ऐसे में विदेशियों का आना कई महीनों या साल भर तक स्थागित होने की संभावना है, अनेक देश भारत की स्थिति से स्वयं भयभीत होकर अपने नागरिकों पर भारत आने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, विशेष तौर पर यूरोपीय देश के लोग जिनके यहां अब कॅरोना पर काफी नियंत्रण किया जा चुका है, वे लोग भारत की संक्रमण की स्थिति को देखते हुए भारत आने से घबराकर विकर्षित हो गए हैं। भारत सरकार को भी ऑक्सीजन सिलेंडर वेंटीलेटर हॉस्पिटल और कोवीशील्ड,कोवेक्सिन वैक्सीन को दुगना निर्मित कर भारत की आम जनता को राहत पहुंचानी चाहिए, अन्यथा भारत कि इतनी बड़ी जनसंख्या कोविड-19 के संक्रमण से बच नहीं पाएगी,और विदेशी मदद की दरकार होना शुरू हो जाएगी, ऐसे में भारत को एवं भारत वासियों को विशेष सतर्कता बरतते हुए कोविड-19 की अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस का पालन पूर्ण रूप से करना होगा अन्यथा संक्रमण तो दुगनी रफ़्तार से फैलेगा ही फिर उसे सरकार चाह कर भी नहीं रोक पाएगी।

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