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रेल डिब्बों को बनाया जाएगा आइसोलेशन वार्ड

मिर्जापुर -चौदह अप्रैल तक लागू लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेल द्वारा आवश्यक माल परिवहन हेतु संचालन किया जा रहा है अत: यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि माल गाड़ियों को चलाने में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए परिसंपत्तियों का रखरखाव बेहतर तरीके से किया जाए। रेलवे के कोरोना योद्धाओं के पास राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर भारतीय रेल को निरंतर चलायमान बनाए रखने की चुनौती के साथ ही उन्हें COVID -19 के प्रसार से बचने के लिए स्वच्छता और सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का भी सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करना है। कोरोना संबंधित मदों पर एक विस्तृत समीक्षा महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप का उपयोग करके की, जिसमें सभी अधिकारी आवश्यक सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने घरों / कार्य स्थलों से जुड़े । बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण वस्तुओं की समीक्षा की गई। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार होने के क्रम में, रेलवे कम से कम संशोधन के साथ रेलवे डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में उपयोग करने की संभावना पर भी विचार कर रहा है। इसके लिए ट्रायल कोच को कोचिंग डिपो दिल्ली में संशोधित किया जा रहा है तत्पश्चात इस निर्णय का चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ मूल्यांकन किया जाएगा ताकि आकस्मिकता की विशेष गंभीर परिस्थितियों में इसका प्रयोग किया जा सके। इसके अलावा आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आसानी से रेक हैंडलिंग सुनिश्चित करने के लिए माल शेड / साइडिंग वाले रेल सेक्शनो की सघन निगरानी और रखरखाव तथा रेलवे के सभी आवश्यक कार्यों में स्वच्छता और सामाजिक दूरी का प्रोटोकॉल पहले से ही बहुत सख्ती से लागू है। इससे आगे बढ़ते हुए रेलवे ने अब लॉबी में चालक दल और गार्ड के साइन-ऑन / ऑफ से संबंधित नियमों में परिवर्तन किया है। विभिन्न लोगों द्वारा टच किए जाने से बचाव के लिए क्रू मैनेजमेंट सिस्टम पर उनका विवरण डेटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा फीड किया जाएगा और श्वास परीक्षण टेस्ट भी वैकल्पिक कर दिया गया है। यदि लॉकडाउन अवधि तक कोई भी चालक दल श्वास परीक्षण टेस्ट देने के लिए तैयार नहीं है, तो उसे स्व-घोषणा के आधार पर ट्रेन चलाने की अनुमति होगी, हालांकि यह सुविधा उन्ही चालक दल के लिए उपलब्ध होगी जिनका कोई एल्कोहलिक इतिहास नहीं होगा।क्रू लिंक को इस तरह से युक्तिसंगत बनाया जा रहा है कि, अधिक से अधिक रनिंग स्टाफ अपना रोज़ का कार्य समाप्त करके बेस स्टेशन लौट सकें। विज्ञप्ति के अनुसार सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए ट्रैक और अन्य रेलवे परिसंपत्तियों के अनिवार्य संरक्षा संबंधी रखरखाव की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। कार्यस्थल पर गैंग आदि के उपकरण अलग अलग रखे जाएंगे। स्टाफ रोस्टर भी इस तरह से बनाया जा रहा है कि आवश्यक श्रेणी के कर्मचारियों को प्रत्येक ड्यूटी के बाद घर पर अधिक से अधिक आईसोलेशन मिले । बिना अधिक कर्मचारियों के प्रयोग के मैकेनाइज्ड तकनीक का प्रयोग करते हुए ट्रैक पैरामीटर रिकॉर्डिंग ट्रेनों को चलाकार ट्रैक की स्थिति का आंकलन किया जाएगा तथा रेल परिचालन में संरक्षा के लिए प्राप्त परिणामों के आधार पर आवश्यक स्थानों पर रखरखाव इनपुट दिए जाएंगे। COVID-19 के प्रसार पर रोकथाम से संबंधित व्यय के सभी बिलों को ऑनलाइन निपटाया जा रहा है और सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।रेलवे कॉलोनियों और कार्यस्थलों पर आवश्यक स्वच्छता व्यवस्था लागू है। महाप्रबंधक चौधरी ने मंडल रेल प्रबंधकों से रेलवे कॉलोनियों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर नजर रखने और किसी भी स्थान पर किसी भी कठिनाई की स्थिति को ज़िला प्रशासन के समन्वय से हल करने के लिए कहा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हमें अपने स्टेशनों को भविष्य के लिए किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए तैयार करने के लिए थर्मल स्कैनिंग, सामाजिक दूरी आदि के दृष्टिगत आवश्यक दीर्घकालिक अवसंरचना के निर्माण के लिए काम करना शुरू करना चाहिए। उत्तर मध्य रेलवे आवश्यक वस्तुओं की सेवाओं के संचालन के लिए हर संभव कदम उठा रहा है और हम सभी से आग्रह किया गया है कि इस संकट के समय अपने महान देश की सेवा करने में रेलवे की मदद करें और घर पर रहकर सामाजिक दूरी बनाए रखें।

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