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नीडल एण्ड थ्रेड संस्था की मदद से घरेलू महिलाएं बन रहीं उद्यमी

लखनऊ। अगर मौका मिले तो राजधानी की घरेलू महिलाएं उद्यमी बनने से पीछे नहीं रहने वाली। नीडल एण्ड थ्रेड संस्था ने ऐसी ही प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए राजधानी में दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया है। उद्घाटन अवसर पर आज प्रसिद्ध बंगाली अभिनेत्री स्वर्णनाली भट्टाचार्या उड़ीसी नृत्य प्रस्तुत किया। नीडल एण्ड थ्रेड संस्था व शेख चिल्ली बैंक्वेट द्वारा संयुक्त तत्वाधान में ‘टूगेदर वी ग्रो‘ नाम से दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन शेख चिल्ली बैंक्वेट, गोमती नगर में किया गया। जिसमें संस्था से जुड़ी महिलाओं ने अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया एवं अपने रचनात्मक पक्ष को भी प्रदर्शित किया। प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर वरिष्ठ वकील एवं पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल बुलबुल गोदियाल हिंदुस्तान टाइम्स की सम्पादक सुनीता एरन, एवं आईएमए अध्यक्ष डॉ0 रमा श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं एवं शहर की प्रख्यात गायनेकोलॉजिस्ट एवं प्रदर्शनी की आयोजक, डॉ0 मिलन खन्ना एवं डॉ0 शिल्पी खन्ना उपस्थित रहीं। ‘टूगेदर वी ग्रो‘ प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर प्रसिद्ध बंगाली टीवी अदाकारा स्वरनली भट्टाचार्या द्वारा उड़ीसी डांस परफॉरमेंस भी दिया गया। यह प्रदर्शनी गुरूवार तक चलेगी एवं इस प्रदर्शनी में कई सत्र भी आयोजित किये गये, जिसमें प्रतिभागी महिलाओं ने अपने जीवन की कहानी, अपनी उद्यमी यात्रा और वहां आये आगंतुकों और उद्यमियों के साथ कई अनुभवों को साझा किया। ठस मौके पर नीडल एण्ड थ्रेड संस्था की प्रमुख डॉ0 मिलन खन्ना ने कहा कि वे प्रदर्शनी में आने वाले लोगों को अपनी प्रतिभा से आश्चर्यचकित कर देंगी। डॉ0 मिलन खन्ना ने बताया कि जो महिलायें हमारी संस्था में कार्य कर रहीं है उनके कार्य ने अभीतक कई लोगों को आश्चर्यचकित किया है, अब, यह वक्त है उनके लिए खुद को पेशेवर डिजाइनरों के रूप में स्थापित करने का एवं एक बोल्ड उपस्थिति दर्ज कराने का। यह प्रदर्शनी उन महिलाओं के लिये खासतौर पर आयोजित की गई थी जो अपने कामों में सबसे अच्छी हैं, लेकिन कभी भी अपने बारे में दुनिया को बताने के लिए एक मंच नहीं मिला। इसी मंच को हमें प्रदान करने का अवसर अब मिला है। नीडल एण्ड थ्रेड संस्था के साथ कार्य कर रही शिल्पी खन्ना ने बताया कि प्रदर्शनी आयोजित करने का यह विचार उन महिलाओं से आया है जो हमारे साथ काम करती हैं। हमारा एक निष्कर्ष यह था कि कई प्रतिभाशाली महिलाएँ हैं जिन्हें अपने रचनात्मक पक्ष को दिखाने का मौका चाहिए। हमने सोचा कि क्यों न उन्हें राज्य की राजधानी में एक मंच दिया जाए।

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