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चुनाव में मैथ्स से नहीं कैमिस्ट्री से जीत मिलती है: प्रकाश जावड़ेकर

साधना टीवी का प्लस माइनस कार्यक्रम वर्तमान मोदी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर कई जमीनी कार्य कर रही है जिसकी अगुवाई कर रहे हैं मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर। जावड़ेकर ने प्राथमिक और उच्चतर शिक्षा दोनों में गुणवत्ता पर जोर दिया। इसके लिए शोध के क्षेत्र में अधिक स्वतंत्रता दी गई है। उनका नारा है सबको शिक्षाए अच्छी शिक्षा। उनके जानने वालों को पाता है कि उनकी क्षमता कितनी और कहां तक है। उनकी बातें कड़वी जरूर होती हैं पर होती काम की है। उनका खरा.खरा बोलना और बातों में सच का पुट उनको औरों से जुदा बनाता है। मोदी सरकार के तेज तर्रार केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास इस विभाग की सार्वजनिक उद्देश्यों से जुड़ी परियोजनाएं तो हैं साथ ही उनको पूरा करने की प्राथमिकताएं भी हैं। उनका मानना है कि किसी देश और खासकर हमारे देश की शिक्षा के पांच मूल स्तंभ हैं उपलब्धताए समताए गुणवत्ताए किफायती और जवाबदेही। इन्हीं स्तंभों पर नई शिक्षा नीति आधारित होगीण् इसलिए अपने पांच बुनियादी स्तंभों पर मंत्रालय सार्थक शिक्षा देना चाहता है। यही उनके मंत्रालय का लक्ष्य है। इसबार देखिए राकेश गुप्ता के टाक शो प्लस माइनस कार्यक्रम में केंद्रिय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से खास बातचीत साधना टीवी सहित 15 अन्य चैनलों पर । टाक शो प्लस माइनस कार्यक्रम में जब प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि सरकार ने वादा किया था 2 करोड़ लोगों को रोजगार देगी। इस दिशा में क्या हो रहा है तो उन्होंने कहा कि रोजगार से पहले शिक्षा व्यवस्था सुधारना जरूरी है। लोगों को रोजगार देने की जिम्मेदारी तो सरकार की है ही। पर सबसे जरूरी है शिक्षा के साथ कौशल। विकासदर बढ़ाने का प्रयास हो रहा है ताकि अर्थव्यवस्था सुधरे। अर्थव्यवस्था विकसित होगी तो रोजगार भी बढ़ेगे। अर्थव्यवस्था सुधरती है तो तीनों तरह के रोजगार बढ़ते हैं। सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। आजकल युवाओं में स्वरोजगार करने की सोच बढ़ी है जो अच्छा संकेत है। जब प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि सरकारी स्कूलों की हालत खराब है फिर यह सब कैसे होगा तो उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में पिछले कुछ सालों में काफी सुधार हुआ है। उनकी सरकार सबको शिक्षा अच्छी शिक्षा पर जोर दे रही है। शिक्षा के मानक तय किए गए हैं। अब 5 वीं और 8 वीं में फिर से परीक्षा होती है जो पहले नहीं होती थी। इससे शिक्षा का स्तर सुधरा है। 16 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और 10 करोड़ प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। सरकारए सरकारी स्कूल में छात्रों को मुफ्त में शिक्षा दे रही है। इतना ही नहीं कई राज्यों में सरकारी स्कूल प्राइवेट से बेहतर हैं और कई राज्यो में बच्चे प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूल में आए हैं। शिक्षा के स्तर को पूरी तरह से सुधरने में 5 साल और लगेंगे। सरकार समग्र शिक्षा में पूरा सिस्टम सुधारने पर जोर दे रही है। जब प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि भारत की प्रतिभाएं बाहर चली जाती है और वहीं काम करना चाहती हैं इसको कैसे रोकेंगे तो उन्होंने कहा कि तीन कारणों से प्रतिभाएं बाहर जाती हैं। उनको लगता है कि लैब्सए गाइड और स्कालरशिप के कारण लोग बाहर जाते हैं। अब भारत में लैब्सए गाइड और स्कालरशिप बेहतर करने का प्रयास मोदी सरकार ने किया है। पिछले 4 सालों में प्रतिभाशाली लोग स्वदेश लौटे हैं जो हमारे लिए अच्छा है। साथ ही हमने प्राइम मिनिस्टर रिसर्च फैलोशिप शुरू की है जिसका फायदा हमको मिला है। जब प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि राजस्थान में हार का कारण क्या मानते तो उन्होंने कहा कि वह राजस्थान में हारे जरूर हैं पर वोट प्रतिशत घटा नहीं है। लोकसभा चुनाव में उनकी कोशिश होगी कि 25 सीटें भाजपा की झोली में आए। वैसे भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अंतर होता है। लोगों को मोदी और अराजकता में से और सुशासन और भ्रष्टाचार में से एक चुनना है। लोग समझदार है इसलिए हम लोकसभा में पूरे देश में 300 से ज्यादा सीटें जीतेंगे। जब प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि वसुंधरा राजे को टिकट बंटवारा नहीं करने दिया गया इसलिए चुनाव हारे तो उन्होंने कहा कि सिर्फ वसुंधरा राजे के कहने पर टिकट बंटवारा नहीं हुआ था। कोर कमेटी ने टिकटें बांटी थीं। सबकी एक राय से टिकटें बांटी थीं। वसुंधरा पार्टी की बड़ी नेता हैं और लोकसभा की कमान वसुंधरा ही संभालेंगी। सब साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लडेंगे और जीतेंगे। जब प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि कांग्रेस प्रियंका गांधी को आंधी की तरह लाई है। अब चुनाव पर इसका क्या फर्क पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि प्रियंका को लाना पार्टी का निजी निर्णय है और राहुल की असफलता का जवाब प्रियंका हैं। कांग्रेस एक परिवार की पार्टी और भाजपा पार्टी एक परिवार है। पारिवारिक पार्टियों के दिन

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