लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सारी पार्टियों ने कमर कस ली है. भारतीय जनता पार्टी देश की अन्य पार्टियों से चुनाव की तैयारी में काफी आगे दिख रही है. भाजपा ने देश के हेलीकॉप्टर्स में से लगभग 60 फीसदी हेलिकॉप्टर बुक कर लिए हैं. आलम यह है कि कांग्रेस या अन्य विपक्षी दल अब शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें बुकिंग के लिए हेलीकॉप्टर मिल ही नहीं रहे हैं. देश भर में लगभग 260 हेलीकॉप्टर और लगभग 200 चार्टर्ड प्लेन हैं. चुनावों में इनकी डिमांड बहुत ज्यादा है. आश्चर्य की बात यह है कि ये सारे काफी पहले बुक किए जा चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने महीनों पहले ही हवाई जहाजों की बुकिंग करा ली है. भाजपा ने इनमें से 60 फीसदी से ज्यादा की बुकिंग कर ली है. बाकी के 40 फीसदी में कांग्रेस तथा अन्य क्षेत्रीय दल हैं. खर्चे की बात करें तो आम दिनों के मुकाबले चुनावों के समय हेलिकॉप्टर के प्रति घंटे के किराए दोगुने से तिगुने तक हो गए हैं. इस तरह से एक नेता के एक दिन के प्रचार के लिए पार्टियों को 10-15 लाख रुपए तक खर्च करना पड़ेगा. यहां तक कि हेलिकॉप्टर के खड़े रहने के बाद भी उसका किराया देना होगा. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बार के चुनाव प्रचार के लिए जितनी आक्रामक तरीके से हेलिकॉप्टर की बुकिंग हुई है, वैसी बुकिंग पहले कभी नहीं हुई. हालांकि, हेलिकॉप्टर सीमित हैं इसलिए बीजेपी के पहले ही बुकिंग के बाद कई पार्टियां इसमें पीछे रह गईं. पहले बुकिंग का मतलब अपनी कैपेंनिंग को तेज करने के साथ ही विपक्षी पार्टी की कैपेनिंग को धीमा करना भी है. इसके साथ ही हेलिकॉप्टर और चार्टेड प्लेन कंपनियों की भी चांदी हो गई है. जो कंपनियां आमतौर पर घंटों के हिसाब से हेलिकॉप्टर की बुकिंग करती थीं. अब वह पूरे चुनाव सीजन के लिए बुकिंग कर रही हैं. देश में सबसे ज्यादा हेलिकॉप्टर पवन हंस और ग्लोबल वेक्ट्रा हेलीकॉर्प के पास है. इसके अलावा चार्टर्ड प्लेन कंपनियों क्लब वन एयर और ताज एयर के पास प्लेन की अच्छी फ्लीट है.
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