जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की अमेरिका, रूस और फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों ने कड़ी निंदा की है। सभी देशों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह भारत के साथ है। भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्वीट किया कि अमेरिका आतंकी हमले की निंदा करता है।
हमले में जान गंवाने वाले जवानों के परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। वहीं रूसी दूतावास ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी अमानवीय घटनाओं से निपटने के लिए सभी को बिना किसी दोहरे रवैये के साथ आना होगा। अमेरिका और रूस की तरह ही फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, टर्की, चेक रिपब्लिक के साथ ही भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव ने भी हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पीएम नरेंद्र से फोन पर बात की और हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता है। नेपाल सरकार हर तरह के आतंकवाद की आलोचना करती है। वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सीरिसेना ने कहा कि हम मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और भविष्य में कहीं भी ऐसे हमले न हों इसके लिए प्रभावशाली कदम उठाने की जरूरत है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि वह इस हमले से दुखी हैं और उनका देश किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलेगा।
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोहिल ने कहा कि हम हमले की निंदा करते हैं। आतंक के खिलाफ लड़ाई में मालदीव भारत व दुनिया के साथ है। भूटान सरकार ने हमले की निंदा की और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। भूटान के विदेश मंत्री तांदी दोर्जी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस हमले के दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड की मदद कर रही आईएसआई : अमेरिकी विशेषज्ञ पूर्व सीआईए विश्लेषक और दक्षिण एशिया मामले के विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
रिडेल ने कहा कि आतंकी हमले को लेकर जैश का दावा करना आईएसआई की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। रिडेल ने कहा कि इससे पता चलता है कि इस हमले के मास्टरमाइंड को आईएसआई मदद कर रही थी। उन्होंने कहा कि पाक प्रधानमंत्री इमरान के सामने पहली बड़ी चुनौती ये आतंकी संगठन हैं। वहीं अमेरिका में पाक राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान को जैश के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।